संदीपन ब्रेन बेस्द कोच द्वारा (मानसिक और भावनात्मक कंडीशनिंग कोच) cranetranzfactory.org असामान्य सफलता के रहस्य ( इरादों से वांछनीय आदतों तक का सफ़र)

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दिसपुर गुवाहाटी, पिनाकी धार : विल्मा रूडोल्फ ने संभवतः ओलंपिक में अब तक का सबसे अविश्वसनीय इतिहास बनाया है। वह न केवल रोम में 1960 ओलंपिक में 3 स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली अमेरिकी महिला-धावक थीं, बल्कि शिखर तक उनके जीवन की यात्रा वास्तव में चमत्कारी थी। टेनेसी से खेल सनसनी, विल्मा, दुर्भाग्यवश अपनी शुरुआती जीवन में पोलियो से अनुबंधित थी; दोनो पैरो में 9 साल की उम्र तक कोई जान नहीं महसूस कर पाती थी, विल्मा। अपने स्वयं के शारीरिक आंदोलन को सक्षम करने के लिए उन्हें तब बन्धनी (braces) पहनने पड़ते थे और डॉक्टरों ने राय दी थी कि वह अपने जीवन में कभी नहीं चलेगी।सालों पहले एक अमेरिकी टेलीविजन चैनल के लिए साक्षात्कार देते हुए विल्मा ने खुलासा किया कि उस समय उसके दोस्तों द्वारा उसकी अस्वीकार्यता ने तब बन्धनी को छोड़कर एक दिन दुनिया की सबसे तेज चलने वाली महिला बनने की गहरी इच्छा की खेती की (1)।अपनी मां और उसकी अटूट इच्छा से प्रेरित होकर, उसने 12 साल की उम्र में अपने braces को फेंक दिया और खुद को भगाने और चलाने का प्रयास शुरू कर दिया। बाकी इतिहास है, जैसा कि हम सभी जानते हैं। उन्होंने 1956 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और फिर 1960 ओलंपिक में 3 स्वर्ण पदक जीतने के लिए इतिहास बनाया (2)।

जैसा कि हम में से अधिकांश जानते हैं और सहमत होंगे कि मनुष्य मन की एक अकल्पनीय शक्ति से संपन्न हैं जो हमारे भीतर बसे हमारी गहरी अनंत शक्तियों को टैप करने की क्षमता रखते हैं। यही शक्ति हमें जादू के दायरे में पार करता है, जिसे हम बख़ूबी पाना चाहते हैं। हालांकि यह मूलतः सच है, पर हम अक्सर हमारे महान इरादों और कार्यों को स्वचालित आदतों में परिवर्तित करने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। पर, ऐसी ही कुछ स्वचालित आदतें हमारी ज़िंदगी को बदल कर रख देती है और चमत्कारी का काम करते हैं। हमारे मस्तिष्क के कामकाज से जुड़ी हुई तंत्रिका विज्ञान के हाल के निष्कर्ष इस बारे में ज़बर्दस्त अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।विज्ञान यह दर्शा रही हैं कि हम अपने शक्तिशाली आदतों के स्व-निर्माण से अपने जीवन-यात्रा को मनचाहा दिशा प्रदान कर सकते हैं।हेब के सिद्धांत ( Hebb’s Law,1 9 4 9) के आधार पर, यह स्पष्ट हो गया कि हमारे ध्यान की गुणवत्ता और मात्रा सचमुच हमारे मस्तिष्क में बसी पगडंडियों (neural pathways) को बारीकी से बदल देती है, जिससे दिमाग़ में नए कनेक्शन बनते हैं। इस तरह के नए कनेक्शन हमारे कार्य करने की क्षमता को नियंत्रित करते हैं और यह तय करते हैं कि हम उन क्षमताओं को किस हद तक बनाए रख पाएँगे। प्रसिद्ध अमेरिकी मनोचिकित्सक और शोधकर्ता, डॉ जेफरी श्वार्ट्ज ने इस क्षेत्र में नए शोध के माध्यम से स्वचालित आदतों की बनावटी में आंतरिक-ध्यान की उपन्यास भूमिका की पुष्टि की, और उन्होंने बाद में हमारी आदतों पर ध्यान के प्रारंभिक प्रभाव को रेखांकित करने के लिए “ध्यान घनत्व (attention density)” शब्द गढ़ा (3)।इसके अलावा, अग्रणी वैज्ञानिक डॉ बेंजामिन लिबेट का सुझाव है कि हमें अपनी मौजूदा मानसिक-आदतों को बाधित करने होंगे अगर हमें नए बेहतरीन आदतों के निर्माण के लिए अपना ध्यान केंद्रित करने हैं। लिबेट ने अपने शोध में यह पाया कि हमारे मस्तिष्क में “वीटो पावर (Veto power)” की एक अनूठी ताकत ज़रूर है, जो अगर हम चाहे तो, वह हमें अपनी अवांछित आदत में फिसलने के लगभग 0.2 सेकंड पहले ही हमें हमारी उस अवांछित प्रवृत्ति के बारे में जागरूक कर सकती हैं।मस्तिष्क की “वीटो पावर” के उपयोग से, हम खुद को इस 0.2 सेकंड के भीतर भी पुरानी अवांछित आदतों में फिसलने से रोक सकते हैं, बशर्ते हम पुरानी आदत के रास्ते पर जाने से खुद को पकड़ने के लिए जागरूक होने को तैयार हों (4)। (Fig 1 पे गौड़ करे)
उपर्युक्त आविष्कार के आधार पर, मैं अपने-आप को और अपने सह-शिक्षार्थियों को शक्तिशाली निजी आदतें निर्माण करने में निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग कर रहा हूं, और हमें बड़ी सफलता मिली:
सुबह के अभिकथन / morning affirmations ( आज, मैं कैसे पेश आऊँगा?): यह पहली रिवाज हैं, जो हम अपने दिन को शुरू करते हुए अमल करते हैं । हम में से कई लोगों के विपरीत, जो एक नोट बुक में ‘आज करने के लिए चीजें’ (Things I’ll do today) सूची लिखकर अपना दिन शुरू करते हैं, हम “आज, मैं कैसे पेश आऊँगा?” (How I’ll be,today?) को नोट करके शुरू करते हैं। उदाहरण के लिए, (a) जब मैं परवरदिगार भगवान के प्रति और अपने सहकर्मियों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने की आदत बनाना चाहता था और (b) मैं औरों को ध्यानपूर्वक सुनने की अपनी कौशल को भी गहरा करना चाहता था, तो हर सुबह मैंने अपनी नोट बुक पर निम्नलिखित अभिकथन लिखा करता था।

Date: 6th June 2017

आज, मैं कैसे पेश आऊँगा?
१) कृतज्ञतापूर्ण
२) सुनने में ध्यानमग्न
३) ………..
४) ……………

यह विल्मा की अभिकथन के समान है (आज, मैं सबसे तेज धावक बनूँगी) (1)। दिन के समय तमाम कर्म में महरूफ़ रहते हुए यह रिवाज हमारे लिए ख़ुब शक्तिदायक साबित हुई अपने ध्यान/सोच को उन निजी प्रतिबद्धता पर क़ायम रखने में जहां हम अपने मन को बनाये रखना चाहते थे। इन अभिकथन सारे को note करने के बाद, हम नीचे ‘आज करने के लिए चीजें’ (Things I’ll do today) की सूची को note करते हैं।

2) वीटो शक्ति (Veto Power) का उपयोग करना: मूलतः veto power मानसिक तौर पर एक विशेष निषेधाधिकर के प्राप्ति का दूसरा नाम हैं।ख़ास तौर पर यह एक मानसिक-अभ्यास हैं उन विशिष्ट अवधि / परिस्थितियों पर सचेत रहने की (being mindful), जब पुरानी अवांछित-आदतें भावना के रूप में हमारे मन में उभरने की उकसाव प्रकट कर रहे हो। उदाहरण स्वरूप, जब मैं अपने सह-शिक्षार्थी को कोच (coach) कर रहा हूँ, तो ध्यानमंद्रित होके उन्हें सुनना आवश्यक हैं। तभी, इससे पहले कि वास्तव में मेरी पुरानी आदत ( जैसे, उन्हें बीच में टोकना और सुझाव देना) उन्हें ध्यनापूर्वक सुनने में मुझे बाधा पहुँचाये, मैं अपनी अवांछित अंदरूनी उकसावों – जैसे, उन्हें बीच में टोकने की उत्तेजना- पर सचेत तौर पर नज़र रखता हूँ। और, जैसे उपर ज़िक्र किये गये वैज्ञानिक प्रयोग से पता चलती हैं, हमारे ‘वीटो पावर’ के सदयेव अस्तित्व के चलते हमारे अंदरूनी आवेग की पहचान पर, हमारे लिए अपने अवांछित आदतों को रोकना आसान हो जाता है। इसमें महारत हासिल करने में थोड़ा समय ज़रूर लगता है, पर जागरूक अभ्यास के साथ, मेरे वीटो पावर का उपयोग करना मेरी अवांछित आदतों को बाधित करने के लिए एक आसान-कुंजी बन गया। यह एक मांसपेशी की तरह है जिसे हम अभ्यास के साथ बनाते हैं, पल-पल।

3) कार्यान्वयन इरादा / Implementation Intentions: जीवन की जटिलताएँ को देखते हुए, हम अक्सर उन अभ्यासों को दोहराने से विचलित हो जाते हैं जो हमारे नई योग्य आदतों का निर्माण करेंगे । ऐसी परिस्थितियां अक्सर भावनात्मक दबाव या यहां तक कि शारीरिक चुनौती – जैसे, नींद की कमी, थकान आदि- के कारण उत्पन्न होती हैं। इस तरह की बाधाओं को पार करने और प्रतिस्पर्धी उत्तेजनाओं की ऐसी स्थितियों के बीच अपना ध्यान फिर से केंद्रित करने में मदद करने के लिए, मैंने “कार्यान्वयन इरादा / implementation intentions” नामक एक पूर्व-सोच तकनीक का उपयोग किया है। “कार्यान्वयन इरादा” के अभ्यास का परिणाम मेरे सह-शिक्षार्थीयों के लिए ख़ुब उत्कृष्ट रहा हैं। जब आप एक विशेष आदत बनाने का फैसला कर चुके हो, “कार्यान्वयन इरादा” तकनीक के तहत आपको बस अपने इरादे को अग्रिम में नियोजित करना हैं (प्रारंभिक चरण में- पिछली रात हो सकती है)। कैसे? बस पिछली रात नींद से पहले अपने व्यक्तिगत डायरी में एक सरल बयान निम्नलिखित तरीक़े से लिखना हैं आपको।
” अगर X होती हैं, तो मैं Y करूँगा अपने लक्ष्य Z के ख़ातिर” ।
उदाहरण स्वरूप, मेरी एक सह-शिक्षार्थी यह तय की थी कि हर श्याम वे ४५ मिनेट अपने स्व-अध्ययन में निवेश करेंगे। पर वे चिंतित थे क्योंकि अक्सर अध्ययन करते वक्त उन्हें नींद घेर लेती थी। इसिलिए, उन्होंने निम्नलिखित तरीक़े से ‘कार्यान्वयन इरादा’ का प्रयोग अपनाये।
“ अगर अध्ययन के समय मुझे नींद आए, तो मैं उठाकर अपनी एक पसंदीदा गाना गाऊँगी, अपने पेशे में तरक़्क़ी के लक्ष्य के ख़ातिर”
कार्यान्वयन इरादा उनके लिये ज़बरदस्त मददगार साबित हुआ।” Implementation Intentions ( यानी, कार्यान्वयन इरादा )” नामक यह शब्द और इसके परिभाषा को प्रख्यात तंत्रिका वैज्ञानिक डॉक्टर पीटर गोल्लविट्जेर ने गड़ा था (5)।

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References:
1) https://youtu.be/Xnr0hu1skVY
2) https://www.britannica.com/biography/Wilma-Rudolph
3)https://cdn2.psychologytoday.com/assets/attachments/31881/rock-schwartz-sb-4306207.pdf
4) https://wmpeople.wm.edu/asset/index/cvance/libet
5) http://kops.uni-konstanz.de/bitstream/handle/123456789/10101/99Goll_ImpInt.pdf?sequence=1&isAllowed=y