महाराष्ट्र को कोई विभाजित नहीं कर सकता: मोदी

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धुले (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र को विभाजित करने का प्रयास करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आश्वस्त किया कि जब तक वह दिल्ली में हैं, तब तक कोई ताकत न तो राज्य का विभाजन कर सकती है और न ही मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर सकती है।

आदिवासी बहुल जिले धुले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कपास और प्याज के बारे में झूठ फैलाते रहे हैं। अब उन्होंने नया झूठ बोलना शुरू किया है। वे कह रहे हैं कि महाराष्ट्र को विभाजित कर दिया जायेगा। क्या देश में कोई ऐसा पैदा हुआ है, जो शिवाजी की भूमि को बांट सके। उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं जब तक मैं दिल्ली में हूं, दुनिया की कोई ताकत न तो महाराष्ट्र को बांट सकती है और न ही मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर सकती है।

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब खबरों के अनुसार, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मोदी पर आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र से मुम्बई को अलग करने का उनका छिपा एजेंडा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है, जिसमें देश को वृद्धि के पथ पर आगे ले जाने की क्षमता है और मुंबई इसके केंद्र में है।

पिछले 15 साल से महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस गठबंधन की किसानों के आत्महत्या करने की घटनाओं को घटित होने देने के लिए आलोचना करते हुए मोदी ने लोगों से 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में किसानों के हत्यारों को दंडित करने की अपील की। मोदी ने कहा कि 15 अक्टूबर को कमल के निशान पर बटन दबाएं और राज्य को कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति दिलायें।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर एक तरह से चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें (मोदी) गरीबों के घर जाकर एक गरीब व्यक्ति का भोजन छीनने और फोटो खिंचाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि वह खुद एक गरीब परिवार से आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपके बीच लोकसभा चुनाव के दौरान आया था। मैंने आपसे आग्रह किया था कि मुझ पर भरोसा करें। मैंने जो कहा, आपने उसपर भरोसा किया और धुले एवं नंदरबार से भाजपा सांसद को विजयी बनाकर भेजा। उन्होंने कहा कि अब मैं आपके बीच चार महीने बाद फिर आया हूं। राजनीतिक अपना वादा पूरा करना भूल जाते हैं, लेकिन मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मैं आपका सेवक हूं। मैं भारत का पहला सेवक हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 40 वर्ष पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। तब कांग्रेस के नेता कहते थे कि बैंकों के पैसे का उपयोग गरीबों के लिए होना चाहिए। लेकिन मैं अपने आदिवासी और गरीब मित्रों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने बैंक में किसी गरीब व्यक्ति को देखा है।

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