मुंबई। जाली नोटों के बढ़ते खतरे और कागज से बने नोटों के जल्दी खराब होने की समस्या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक जल्दी ही देश में प्लास्टिक नोट लेकर आने वाला है। इस वर्ष के अंत तक देश के पांच शहरों, कोच्ची, मैसूर, जयपुर, भुवनेश्वर और शिमला में इन्हें प्रायोगिक तौर पर जारी कर दिया जाएगा। शुरुआत में एक रुपए मूल्य के प्लास्टिक नोट जारी किए जाएंगे। इनका चलन सफल रहा तो फिर आगे बड़े मूल्य वाले नोट भी जारी होंगे। प्लास्टिक नोट को चलन में लाने के लिए कागज से बने मौजूदा नोट चरणबद्ध तरीके से बाजार से हटाए जाएंगे।
आरबीआई ने प्लास्टिक नोटों की छपाई के लिए निविदा जारी की है। आठ कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है। आरबीआई के सूत्रों के अनुसार इन नोटों की छपायी विदेश में होने की संभावना है क्योंकि देश में इस तरह के नोट छापने की प्रौद्योगिकी फिलहाल उपलब्ध नहीं है। वित्त मंत्रालय के अनुसार आरबीआई देश में पॉलीमर अर्थात प्लास्टिक नोट लाने की योजना पर वर्ष 2010 से ही काम कर रहा था।
हालांकि कागज से बने नोट की तुलना में प्लास्टिक नोट की छपायी काफी मंहगी होने की संभावना है क्योंकि यह विदेश से छपकर आएंगे। इनके साथ दूसरी समस्या भारत की गर्म जलवायु की भी रहेगी। ऐसे में गर्म तापमान में इनका परीक्षण पहले किया जाना जरूरी होगा। प्रायोगिक स्तर पर इनके चलन के दौरान इन सभी बातों पर गौर किया जाएगा। पिछले पांच वर्षों के दौरान दुनिया के करीब 30 देशो में प्लास्टिक नोट का चलन शुरू हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले 1968 में प्लास्टिक नोट जारी किए थे।