सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में नौकरशाही की भूमिका अहमः सीडीएस

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता। भारतीय सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने आज सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण को अपनाने में सेना और नौकरशाही की भूमिका को अहम बताया है। सीडीएस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति श्संपूर्ण सरकारश् दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने उच्च रक्षा तैयारियों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लिये जाने पर भी जोर दिया।
स्वतंत्र थिंक टैंक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज, नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में श्सिविल-मिलिट्री इंटीग्रेशनरू द वे फॉरवर्डश् विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित कर रहा है। इसका उद्देश्य नागरिक-सैन्य संबंधों की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करना और दो स्तंभों के बीच कामकाज और परिणामों में अधिक तालमेल हासिल करने के उपायों की सिफारिश करना है। संगोष्ठी की शुरुआत आज सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण को अपनाने में सेना और नौकरशाही की भूमिका पर चर्चा के साथ हुई।
संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति श्संपूर्ण सरकारश् दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि उच्च रक्षा तैयारियों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जाना चाहिए। मुख्य भाषण करते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सुरक्षा के खतरों का सही आकलन करने, महत्वपूर्ण रणनीतिक दिशा-निर्देशों और दस्तावेजों को स्पष्ट करने, वांछित सैन्य क्षमताओं की पहचान करने, सक्षम नीतियां तैयार करने और समग्र राष्ट्र के अनुरूप उपयुक्त प्रतिक्रियाओं को प्रभावी करने के लिए तालमेल के महत्व पर बात की।
इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों, सिविल सेवाओं के विशिष्ट प्रतिभागियों के साथ-साथ रक्षा उद्योग और शैक्षणिक समुदाय के प्रतिनिधि, कई थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थान भाग ले रहे हैं। आज विचार-विमर्श के दौरान कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने नौकरशाही-सैन्य एकीकरण की बारीकियों पर चर्चा की। आज की चर्चा में पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार, डीएमए के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर के डॉ. अनित मुखर्जी, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता, यूपीएससी के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) और रक्षा मंत्रालय के प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे ने उपयोगी विचार साझा किए।

संगोष्ठी के दूसरे दिन मंगलवार को सैन्य उद्योग एकीकरण से संबंधित चर्चा होनी है, जिसके लिए प्रमुख वक्ताओं में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी, सेंटर फॉर एयरपावर स्टडीज के महानिदेशक एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त), पूर्व डीजी आर्टिलरी लेफ्टिनेंट जनरल पीआर शंकर, भारत फोर्ज डिफेंस एंड एयरोस्पेस के अध्यक्ष राजिंदर सिंह भाटिया, इंडियन डिफेन्स एकाउंट सर्विसेज के डॉ. भारतेंदु कुमार सिंह, भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रधान सलाहकार रियर एडमिरल प्रीतम लाल (सेवानिवृत्त) हैं।