गुरुग्राम, नगर संवाददाता: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों व संगठनों से अनुरोध किया है कि वे मांगों में हरियाणा के लिए एसवाइएल नहर निर्माण को भी शामिल करें। कहा कि हरियाणा के किसानों के लिए इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सिचाई के लिए पानी का है।
कृषि मंत्री ने यह बातें रविवार को गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की मनोहर सरकार द्वारा किसानों के हित को लेकर लगातार अच्छे काम किए जा रहे हैं। दलाल ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और किसान हितैषी फैसले लेते रहेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि वह पहले किसान हैं, फिर मंत्री। प्रदेश के किसान के लिए इस समय सबसे बड़ा मुद्दा पानी का है।
कृषि मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के सात-आठ जिलों में हालात ऐसे हैं कि भूमिगत जल स्तर 400 से 800 फुट नीचे चला गया है। कई इलाकों में तो पानी खत्म हो गया है। जब सिचाई के लिए पानी ही नहीं होगा तो फसल कैसे होगी। मंत्री ने आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी किसान संगठनों, समर्थकों एवं भागीदारों से अनुरोध किया कि वह अपने मांग पत्र में यह जरूर लिखवा दें कि हरियाणा के किसानों के लिए एसवाईएल का निर्माण होना चाहिए। कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में हम इस मामले में केस जीत चुके हैं और हरियाणा के लिए जीवनरेखा कही जाने वाली एसवाइएल नहर का निर्माण पिछले 40 वर्षों से लटका है।
विपक्षी दलों पर उन्होंने किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। कहा कि हमारे विरोधी प्रचार करते हैं कि मंडियों को खत्म किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि नाबार्ड की सहायता से 5000 करोड़ रुपये की लागत से सोनीपत जिले के गन्नौर में बड़ी मंडी बनेगी। पंचकूला जिले के पिजौर में लगभग डेढ़ सौ एकड़ में सेब की मंडी और गुरुग्राम में फूलों की मंडी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल कर अन्नदाता के अनुकूल निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बिदुवार चर्चा हुई है और कुछ बिदुओं पर सहमति भी बनी है।