बेंगलरू/नगर संवाददाता : बेंगलुरु। चन्द्रमा की सतह पर उतरने से महज 2.1 किलोमीटर पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का धरती पर स्थित मिशन कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था। शनिवार सुबह आईएसआरओ के वैज्ञानिकों को पीएम मोदी ने संबोधित किया। जब संबोधन के बाद मुख्यालय से जा रहे थे तो आईएसआरओ प्रमुख के. सिवन उन्हें मुख्यालय से बाहर छोड़ने के लिए आए, तब एक भावुक पल आया। सिवन रोने लगे। मिशन प्रमुख सिवन को पीएम मोदी ने गले लगा लिया और पीठ थपथपाने लगे। के, सिवन उनसे गले मिलकर रोने लगे।
उन्होंने एक बड़े भाई की तरह सिवन को सांत्वना दी। इस दौरान पीएम मोदी भी काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने कई देर तक सिवन को गले लगाए रखा और उनकी पीठ पर हाथ फेरते रहे और कहा कि सब ठीक हो जाएगा। इससे पहले शुक्रवार देर रात को पीएम मोदी ने सिवन को गले लगाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आपके चेहरों पर मायूसी को समझ सकता हूं। यान से जब संपर्क टूटा, वह क्षण मैंने भी आपके साथ उतना ही महसूस किया, हमारा हौसला और बुलंद हुआ है।
चांद को छूने का हमारा संकल्प और मजबूत हो गया है, हम बहुत करीब आ गए थे लेकिन हमें और आगे जाना है। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के कारण असंख्य लोगों को बेहतर जिंदगी मिली। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में अभी सर्वश्रेष्ठ होना बाकी है, भारत आपके साथ है। आज मिली सीख हमें और मजबूत तथा और बेहतर बनाएगी, एक नई सुबह होगी।