आईएसआरओ के वैज्ञानिकों से बोले पीएम मोदी-आप मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं

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बेंगलुरू/नगर संवाददाता : बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 की यात्रा को शानदार और जानदार बताते हुए शनिवार को कहा कि आखिरी क्षणों में चांद की सतह पर उतरने से चूकने के बाद उसे छूने और गले लगाने की हमारी इच्छाशक्ति और मजबूत हुई है तथा आने वाले समय में हम निश्चित रूप से सफल होंगे। मोदी वैज्ञानिकों से बोले किआप मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं।

चंद्रयान के मिशन नियंत्रण कक्ष में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. के. शिवन तथा अन्य वैज्ञानिकों की मौजूदगी में राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि विज्ञान में विफलता होती ही नहीं है, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। चंद्रयान का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुरूप न रहा हो, पर हमें याद रखना चाहिए कि उसकी यात्रा जानदार और शानदार रही है। इस वक्त भी हमारा ऑर्बिटर पूरे शान से चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है।

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि एक-दो रुकावटों से आपकी उड़ान अपने पथ से विपथ नहीं हो सकती। हमें रुकना नहीं है, हम निश्चित रूप से सफल होंगे। 21वीं सदी में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती।

उन्होंने आने वाले मिशनों के लिए वैज्ञानिकों को शुभकानाएं दीं और कहा कि मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि आपका प्रयास मूल्यवान था और यात्रा भी वैसी ही थी। हम अपनी यात्रा का पुनरावलोकन करेंगे और उससे सीखेंगे। जल्द ही नया सवेरा और उज्ज्वल भविष्य हमारे सामने होगा। परिणाम अपनी जगह है, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों पर गर्व है। हम आपके साथ हैं।
मोदी ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई हमें कुछ सिखाकर जाती है। उसी से हमारी आगे की सफलता तय होती है। देशवासियों को ‘सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ इंडिया’ कहकर संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज भले ही कुछ रुकावटें आई हों, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा बल्कि और मजबूत हुआ है। भले ही चंद्रमा की सतह पर हम हमारी योजना के अनुसार नहीं जा पाए हों। आज चंद्रमा को छूने की, उसे गले लगाने की हमारी इच्छाशक्ति और मजबूत हुई है।

उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा के बेहद करीब पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन आने वाले समय में हमें और मेहनत करनी होगी। हमें हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों और वैज्ञानिकों पर गर्व है। देश को विश्वास है कि हमें गौरवान्वित होने के और मौके मिलेंगे। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का सर्वश्रेष्ठ अभी शेष है। हमें बहुत सारे लक्ष्यों को हासिल करना है। देश आपके साथ है। आप विलक्षण पेशेवर हैं। आपने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और हमें मुस्कुराने के कई अवसर प्रदान किए हैं।

मिशन की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने उस जगह पर चंद्रयान को उतारने की कोशिश की, जहां पहले कोई नहीं पहुंच पाया था। उन्होंने कहा कि आप अपने लक्ष्य के जितना करीब पहुंच सकते थे, पहुंचे। अपने प्रयास में निरंतरता बनाए रखिए और आगे की ओर देखिए। उन्होंने वैज्ञानिकों के परिवारों को सलाम करते हुए उनके प्रयासों तथा वैज्ञानिकों को दिए गए भावनात्मक समर्थन की तारीफ की।
मोदी ने अपने संबोधन के आरंभ में ‘भारतमाता की जयश् के नारे लगवाते हुए वैज्ञानिकों से कहा कि आप वे लोग हैं, जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं, जो उसकी जय के लिए जूझते हैं, मां भारती के लिए जज्बा रखते हैं और उसका सिर ऊंचा हो इसके लिए अपना पूरा जीवन खपा देते हैं।

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