पाली, महावीर प्रसाद : रायपुर के पूर्व ठिकाने के कुंवर एवं जाने माने पर्यावरणविद्, समाजसेवी मानवजीत सिंह राठौड़ जो इन दिनो समाजसेवा मे सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और हर आम खास की मदद कर रहे हैं। हाल ही रायपुर में कॉलेज के लिए करोड़ों रुपये की जमीन दानकर चर्चा मे बने हुए हैं। चुनावी मौसम मे जनता कई कयास लगा रही है कि क्या मानवजीत सिंह इस बार चुनावों में भाग्य आजमायेंगे। हालांकि समाजसेवी मानवजीतसिंह भाजपा और कांग्रेस दोनो राजनीतिक पार्टियों से ताल्लुकात रखते हैं। इससे बात और भी रोचक हो जाती है कि समाजसेवी मानवजीत सिंह राठौड़ कौन सी पार्टी का दामन थामेंगे । समाजसेवी मानवजीत सिंह राठौड़ का यह व्यवहार आम आदमी के दिलो में छाप छोड रहे । अजमेर के मेयो कॉलेज एवं मुम्बई की सेंट जेवियर्स कॉलेज में शिक्षा लेने के बाद सरकारी सेवा की बजाय समाजसेवा मे आने का उद्देश्य– सरकारी नौकरी में जाने के बाद रायपुर क्षेत्र के बाशिंदों की आशा थी वो धुमिल हो जाती । अपनी हर समस्याओं का समाधान कराने के लिए आने वाले ग्रामीणो की सेवा करना एवं जो ठिकाने से मिले अनुभव थे उनको आगे बढाने के उद्देश्य से सरकारी नौकरी का मानस बदल दिया। आज रायपुर के लगभग दर्जन भर गांव से ग्रामीण समस्या लेकर आते हैं। मैं अपने स्तर से समाधान कराने के प्रयास करता रहता हूँ। ऐतिहासिक धरोहर एवं पर्यावरण संरक्षण में आपके कार्य रायपुर ठिकाने के संरक्षण का जिम्मा मैने उठाया। रायपुर गढ़ के जिर्णोद्धार के लिए हर वर्ष थोड़ा बहुत कार्य करवाता हू और रायपुर में हरियाली रखने के लिए हमारे वंशजो द्वारा जो वृक्षारोपण का जिम्मा उठाया गया था। आज मैं अपने एनजीओ इन्द्रप्रस्थ कम्युनिटी के माध्यम से वृक्षारोपण करवाता हू और आवश्यकता पड़ने पर कई सरकारी एव गैर सरकारी कार्यालयों में पौधे उपलब्ध करवाता हूँ। परिसीमन के बाद रायपुर दो विधानसभा मे बंटकर विकास की दौड से पिछड़ गया 2009 मे परीसीमन के बाद रायपुर विधानसभा को भंग कर दिया गया इसकी 12 ग्राम पंचायते सोजत विधानसभा और 23 जैतारण मे चली गईं। नेताओं की आपसी फूंट के चलते इसका विकास पिछड़ गया। रायपुर का विकास भी खींचतान के चलते अटका यह ज्वलंत उदाहरण है। आजादी के बाद भी उज्जाले को तरसता मगरा क्षेत्र रायपुर तहसील के मगराचंल मे आए गांव सांड मगरा,खेजड़ी का बाला और सांड मगरा गांवो मे रहने वाले 4 हजार की आबादी के ग्रामीण आज भी आजादी के बाद मगरा क्षेत्र मे उज्जाले की राह ताक रहे हैं। मगराचंल मे लाइट लाने के लिए आपके प्रयास आजादी के बाद भी लाइट की राह देखते इस क्षेत्र के ग्रामीणो लाइट लाने के लिए मैने उर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत से मुलाकात कर उनको समस्या से अवगत कराया। उर्जा राज्य मंत्री ने इस क्षेत्र मे वन विभाग का हवाला दिया तो मैने पर्यावरण मंत्री गजेद्रसिंह खींवसर से मुलाकात कर समस्या बताई । मंत्री खींवसर की स्वीकृति के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने मामलें मे कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई इससे आज तक लाइट के लिए फाईल पेडिंग मे पड़ी। चिकिसा सुविधा के अभाव में मगराचंल के दर्जन भर गांवो के वाशिंदों का स्वास्थ्य अधरझूल में रायपुर में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसके भरोसे मगरा क्षेत्र के दर्जन भर गांवो के वाशिंदे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। चिकित्सो के अभाव मे चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ रही हैं । अगर मगरा क्षेत्र मे मौसमी बिमारी फैल जाए तो मरिजो को भारी परेशानी हो सकती है । हालांकि राज्य सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था में सुधार किया है परन्तु रायपुर को विशेष महत्व नहीं मिला। आपसी तालमेल के अभाव में जवाई पेयजल योजना से वंचित रायपुर उपखंड मुख्यालय जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने हलक तर करने के लिए जवाई पेयजल योजना बिछाई परन्तु रायपुर सोजत विधानसभा में आने के कारण इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया इसलिए उपखंड मुख्यालय होते हुए भी रायपुर जवाई पेयजल योजना से नहीं जुड़ सका। गर्मी में ग्रामीणो को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। सड़कों के अभाव में कच्चे रास्तों पर जाने को मजबूर मुसाफिर रायपुर क्षेत्र के मगरा क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की ओर से मगरा विकास बोर्ड बना हुआ है परन्तु नेताओं की अनदेखी के चलते मगरा क्षेत्र उपेक्षा का शिकार हो गया है। सड़को के अभाव में मुसाफिरो को परेशानी उठानी पड़ रही हैं। रायपुर में कॉलेज के लिए अपनी 38 बीघा पुस्तैनी जमीन दान करने का विचार कहा से आया रायपुर मे कॉलेज की मांग पिछले कई वर्षों से चली आ रही थी परन्तु जमीन के अभाव में कॉलेज स्वीकृत नहीं हो सका। रायपुर के स्थानिय जनप्रतिनिधियो, ग्रामीणो अपितु विद्यार्थियों ने भी मदद की मांग की। पिताजी ठाकुर करणीसिंह राठौड़ के आदेशानुसार ठिकाने की बेशकिमती जमीन कपुड़ी पोलो ग्राउन्ड को कॉलेज के लिए भेंट कर दिया। इस बार राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की सोच रहे हैं अभी मैं समाजसेवा मे व्यस्त हूँ। समय आने पर जरूर राजनीति में भूमिका निभाई जाएगी।
शख्सियत जिन्होंने बालकों के भविष्य के लिए कर दी करोड़ों की जमीन दान
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