अंबाला, मुलाना : गौवंशो के लिए मौत का ग्रास बन चुकी टंगैल नंदीशाला के बेकाबू हालातों को व्यवस्थित करने वाला कोई भी नही दिखाई दे रहा। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। नंदीशाला में गोवंशों के लिए न तो पर्याप्त शैड़ है व न ही खाने के लिए चारा उपलब्ध है। इतना ही वहां कार्यरत कर्मचारियो को पिछले दो महीने से वेतन तक नसीब नही हो पाया है। जिसके चलते शनिवार दोपहर उनके संयम का बांध टूट गया व नंदीशाला के कार्यरत चार कर्मचारी अपना काम छोड़ कर घर की तरफ रवाना हो गए। हालांकि पूर्व कमेटी प्रधान मनदीप बोपाराय के आग्रह व दो दिन के समय में वेतन मिल जाने के आश्वासन पर कर्मचारी नंदीशाला में कार्य पर लौट आए ।कोई घोषणा नहीं पंहुची धरातल पर जानकारी अनुसार नंदीशाला के बिगड़ते हालातों पर नगरनिगम अंबाला द्वारा नंदीशाला को पांच लाख रुपये फंड़ के रुप में देने की बात कही। इसके अलावा 19 दिसंबर को राज्य मंत्री नायब सैणी व स्थानीय विधायिका संतोष चौहान द्वारा पांच-पांच लाख रुपये नंदीशाला को देने की घोषणा की। जोकि घोषणा के दो महीने से ज्यादा गुजरने के बाद भी नंदीशाला को नसीब नहीं हुए। उक्त बड़ी घोषणा को होता देख नगरनिगम ने भी पांच लाख रुपये नंदीशाला को जारी नही किए। नतीजन नंदीशाला के हालात बिगड़े व ठिठूरती ठंड़ के मौसम में पर्याप्त शैड़ न होने के चलते लगभग 200 गोवंश मौत का ग्रास बन गए। नंदीशाला में गौवंशो की कुल मौत का आंकड़ों 325 पंहुच चुका है। जोकि अति चिंतित कर देने वाला आंकड़ा है।
टंगैल नंदीशाला के बिगड़े हालात, अव्यवस्था के चलते कुल 325 गौवंशों की मौत
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