दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री तोमर की डिग्री रद

News Publisher  

भागलपुर, बिहार/नगर संवाददाताः तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की सीनेट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कानून की डिग्री रद कर दी। कुलपति डॉ. क्षेमेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीनेट सदस्यों ने एकमत से तोमर की डिग्री रद करने की अनुशंसा कर दी। अब विश्वविद्यालय प्रशासन सीनेट के निर्णय से कुलाधिपति को अवगत कराएगा। साथ ही डिग्री रद करने का नोटिफिकेशन कर अखबार में इसका विज्ञापन प्रकाशित करने की औपचारिकता पूरी करेगा। सीनेट सदस्यों ने तोमर की फर्जी डिग्री पर दाखिला लेने वाले कॉलेज व विश्वविद्यालय कर्मियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की है। बैठक में सीनेट सदस्यों को अवगत कराया गया कि तोमर की डिग्री रद करने की अनुशंसा एकेडमिक काउंसिल, अनुशासन समिति व सिंडिकेट द्वारा पहले ही की जा चुकी है। सिंडिकेट ने तोमर की डिग्री रद करने की अनुशंसा करते हुए मामले को राजभवन अग्रसारित कर दिया था। इस पर राजभवन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को सीनेट की बैठक बुलाकर तोमर की डिग्री रद करने निर्देश दिया था। कुलाधिपति कार्यालय से विश्वविद्यालय को जो पत्र प्राप्त हुआ था, उसमें यह कहा गया है कि उपाधि निरस्त करने की प्रक्रिया में कुलाधिपति का अनुमोदन आवश्यक नहीं है। परिनियम के प्रावधान के मुताबिक उपाधि को निरस्त करने के लिए सीनेट की अनुशंसा काफी है। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने सत्र 1994-97 के दौरान मुंगेर (बिहार) के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। लेकिन मामला पकड़ में आने के बाद पता चला कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर तोमर को कानून की डिग्री जारी कर दी गई थी। डिग्री लेते समय माइग्रेशन सर्टिफिकेट और अंकपत्र जमा करने पड़ते हैं। लेकिन तोमर द्वारा जमा किए गए दोनों सर्टिफिकेट अलग-अलग विश्वविद्यालयों के थे। उन्होंने अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद का अंकपत्र और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी का माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा किया था। दोनों विश्वविद्यालय पूर्व में ही इन प्रमाणपत्रों की वैधता को खारिज कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *