नई दिल्ली/नगर संवाददाताः मोदी सरकार कालेधन पर एक और बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रही है। नोटबंदी के फैसले से देश के गरीबों को भले ही कोई प्रत्यक्ष लाभ ना मिला हो लेकिन इस दूसरे वार से सीधे तौर पर गरीबों को फायदा पहुँचेगा। सचिवों के एक समूह ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि गरीबों की सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए ‘बेनामी’ सम्पत्तियों की नीलामी की जानी चाहिेए। इसके अलावा इस समूह ने सरकार को और भी कई लाह दी हैं। सरकार ने कुछ फेैसलों पर अमल भी करना शुरू दिया है। केंद्र सरकार को दी गई सिफारिश में कहा गया है कि कालेधन का एक बड़ा हिस्सा बेनामी सम्पत्ति में निवेश किया जाता है। अगर ऐसी सम्पत्ति को नीलाम किया जाता है तो उससे प्राप्त पैसे से गरीबों को सस्ता घर मुहैया कराने की योजना को सफल बनाया जा सकता है। गौरलतब है कि मोदी सरकार कालेधन पर गंभीर है। नोटंबदी के फैसले के बाद अगर बेनामी सम्पत्तियों पर भी बड़ा फैसला किया जा सकता है। सचिवों के समूह ने कहा कि 90 फीसदी ब्रांडेड दवाएं जेनेरिक दवाइयों के मुकाबले 5 गुना तक मंहगी मिलती हैं। आम लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधी स्टोर्स की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए। फिलहाल देश में 683 जन औषधि स्टोर्स हैं जिन्हें बढाकर 6 हजार तक किए जाने की बात कही गई है।
बेनामी सम्पत्तियों की नीलामी कर गरीबों को सस्ता घर देने की तैयारी में सरकार
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