केजरीवाल सरकार के पीडब्ल्यूडी दफ्तर पर एसीबी का छापा, पीएम मोदी पर भड़के ‘आप’ नेता

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नई दिल्ली/नगर संवाददाताः भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दफ्तर पर बीआरटी कॉरिडोर तोडऩे में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में छापा मारा है। सूत्रों के अनुसार भाजपा विधायक ओपी शर्मा की शिकायत पर एसीबी ने यह कार्रवाई की है। ओपी शर्मा ने एक अन्य भाजपा नेता विवेक गर्ग के साथ मिलकर एसीबी प्रमुख एमके मीणा से बीआरटी कॉरिडोर तोडऩे के काम में अनियमितता होने की शिकायत की थी। एसीबी ने छापे की कार्रवाई हाल ही में की है। आम आदमी पार्टी ने छापे पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि भाजपा नेताओं के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है।  आप नेता आशुतोष ने कहा कि बिना एफआईआर के ही एसीबी सरकारी दफ्तर से फाइलें उठा ले गई। वाकई कमाल है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीआरटी कॉरिडोर तोडऩे के मामले में एसीबी ने जो छापा मारा है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि अरुणाचल प्रदेश पर अदालत के तमाचे के बावजूद केन्द्र को अभी सबक नहीं मिला है।  बीआरटी मामले में शिकायत भाजपा नेताओं की ओर से ही की गई इस बात का संदेह इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इन दोनों ने पहले इस बात का दावा किया था कि सूचना के अधिकार के तहत उन्हें यह जानकारी मिली थी कि बीआरटी कॉरिडोर तोडऩे के लिए पीडल्यूडी के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के वास्ते लगभग 11 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था और साथ ही कॉरिडोर के टूटने से निकलने वाला लोहा, स्टील समेत दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला सारा मलब भी ठेकेदारों को दे दिया गया था।  गौरतलब है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान मूलचंद से लेकर अंबेडकर नगर तक 5.8 किलोमीटर लंबा बीआरटी कॉरिडोर बनाया गया था। केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आते ही यह कहते हुए इसे तोडऩे का फैसला कर डाला कि यह एक अच्छी परिकल्पना होने के बावजूद सही जगह पर नहीं बनाए जाने से इससे जाम की दिक्कत बढ़ रही थी।

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