सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगा, नरेंद्र भारद्वाज: कोलकत्ता शहर की सुप्रसिद्ध स्वर कोकिला गंगा पचीसीया का नया एलबम कलकत्ता के मशहूर गायत्री स्टूडियो ने कल रिलीज किया है। गंगा पचीसिया जी खूबसूरत गायकी की पोटली हैं जुबा तारीफ करते नही थकती इतनी प्यारी ओर मीठी मनमहोक आवाज ओर सुरों का संगम इतना मनमोहक गांनो में मासूमियत ओर प्रेम के नैसर्गिक पाग में पगी जादुई आवाज प्रेम की पवित्रता को बांचते चलती है।
सुरों के साथ सहजता और रोमांचकता से परिपूर्ण एक जिम्मेदारी ओर सामंती जीवन के साथ गढ़ी सिसकती ताल तन्मयता से देखने को मिलती है।
गंगा जी के इन गंगोत्रीपन निर्देशन इनकी पटकथा इनके गीत संगीत और संवाद के सारे गहनों के साथ साथ कलेवर के साथ उपस्थित है।
गंगा जी के सुरीले एलबम्ब में प्रेम और सामाजिक सुधार की अनूठी मिशाल है। आवाज ओर सुरों की ऐसी कसक की पहली मर्तबा तो कलेजा काढ़ लेती है. ऐसा समा तो एक परिपक्क कलाकार ही अपनी गायकी के बल पर बांध सकता है।
राजस्थानी सुरों में राजस्थान की संस्क्रति को फूल की तरह खिलाना कोई गंगा पचीसिया (गंगोत्री जी) से सीखेसाथ मे श्री धनराज जी दाधीच ओर शशिकांत चौबे जी मीडिया प्रचारक एन के भारद्वाज व पूरी टीम का बहुत बहुत आभार।
अपनी गायकी के दम पर देश भर में पहचान बना चुकी हैं गंगा पचीसिया
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