नई दिल्ली, नगर संवाददाता: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भविष्य में आपदाओं को रोकने और उनके प्रबंधन के लिए जरूरी अवसंरचना के निर्माण में और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।
आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आपदा से बचने के लिए ढांचा निर्माण में मित्र देशों को विशेषज्ञता की पेशकश करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि सटीक उपकरण और सेंसर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल से आपदा के खतरे का क्रांतिकारी तरीके से आकलन किया जा सकता है और पूर्व चेतवानी दी जा सकती है।
बयान के मुताबिक, ‘रक्षामंत्री ने भविष्य की आपदा को रोकने और प्रबंधन के लिए अवसंरचना स्थापित करने के लिहाज से और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया।’
मंत्रालय के मुताबिक राजनाथ सिंह ने वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन पर कोविड-19 महामारी के पड़ने वाले असर का व्यापक आकलन करने, इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय रणनीतियों में नये विचारों को समाहित करने की जरूरत को लेकर सुझाव दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का दुनिया से खासतौर पर हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़ाव मजबूत रहा है। उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों के सबसे पहुंचने की प्रशंसा की।
भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए अवसंरचना बनाने में अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत: राजनाथ
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