जींद, नगर संवाददाता: सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग का लाभ देने में आशा वर्कर्स की अनदेखी एवं भेदभाव के रोष स्वरूप आशा वर्करों ने मंगलवार को सीएमओ डा. जेएस पूनिया को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से आशा वर्करों ने 11 नवंबर को जिला मुख्यालय पर रोष प्रदर्शन करने का ऐलान किया। जिला सचिव राजबाला, मुकेश ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग का लाभ देने में आशा वर्कर्स की अनदेखी की जा रही है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के तहत कार्यरत कर्मचारियों की कोरोना महामारी के दौरान ईमानदारी और लगन से कार्य करने के लिए सराहना करते हुए सभी कर्मचारियों को सातवें पे-कमीशन की सुविधाएं लागू करने की घोषणा की है। जो कि एक सराहनीय कदम है। परंतु बड़े खेद की बात है कि मुख्यमंत्री को एनएचएम में अपनी जान जोखिम में डाल कर कार्य करने वाली 20 हजार आशा वर्कर्स के बारे कोई घोषणा नहीं की है। जिन आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन कर इस महामारी में दिन रात कार्य किया है और अभी भी कर रही है। महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया और देश में सबको घरों में रहने की हिदायतें सरकारों ने दी थी उस वक्त में भी आशा वर्कर्स को घर-घर जाकर सर्वे करनेए महामारी में संक्रमित हुए लोगों की जांच करवाने और उनको आइसोलेशन में रखने, उनको दवाइयां मुहैया करवाने जिनके पास आइसोलेशन की सुविधा नहीं थी, उनको अस्पताल पहुंचाने, क्वारंटाइन पेपर लगाने, देश, विदेशों से आए सभी नागरिकों की जानकारी रखने, उन्हें मोहर लगाने जैसे सारे कार्य आशा वर्कर्स ने किए। इस दौरान कई आशा वर्कर्स संक्रमित हुई और उनकी मृत्यु हो गई। सरकार ने महामारी में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों और वर्करों को 50 लाख बीमा देने की घोषणा की थी, जो आज तक केवल घोषणा ही है और किसी भी मृतक आशा के परिवार को यह है मुआवजा नहीं दिया गया जो बेहद निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है परंतु आशा वर्करों के मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। उन्होंने मांग की कि आशा वर्कर की 50 प्रतिशत राशि की बढ़ोत्तरी की फाइल को और महामारी में कार्य करने की 1000 प्रोत्साहन राशि और मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 5000 राशि को तुरंत प्रभाव से एनएचएम के कर्मचारियों की घोषणा के साथ जोड़ा जाए।उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने तुरंत प्रभाव से आशा वर्कर की प्रोत्साहन राशियों को नहीं बढ़ाया तो 11 नवंबर को राज्य कमेटी के आह्वान पर जिलाभर की सभी आशा वर्कर्स जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए आगामी कड़े आंदोलन की घोषणा करने को मजबूर होंगी।