केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बदरपुर विधानसभा क्षेत्र से ओ-जोन हटाने की मांग

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व बदरपुर से विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि बदरपुर विधानसभा क्षेत्र की दर्जनों कालोनियों को ओ-जोन से बाहर निकाला जाए। बिधूड़ी ने बताया कि बदरपुर क्षेत्र की नहर पार की दर्जनों कालोनियों में 08 मार्च 2010 को ओ-जोन लगाया गया था। इस वजह से इन कालोनियों में रहने वाले चार-पांच लाख लोगों को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि इन कालोनियों के निवासियों को मालिकाना अधिकार से वंचित न किया जाए। रामवीर बिधूड़ी ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि शहरीकृत घोषित किए जा चुके गांवों की ग्रामसभा की जमीन का उपयोग गांव वालों के लिए ही किया जाए। इन भूखंडों पर स्कूल, कालेज, अस्पताल, स्टेडियम आदि सुविधाएं विकसित की जाएं। केंद्र सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वालों को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक देने का फैसला किया और इसके तहत लोग अपनी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन भी करा रहे हैं। बिधूड़ी ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि इस काम में और तेजी लाई जाए। इस दौरान केंद्रीय शहरी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव कामरान रिजवी भी उपस्थित रहे। वहीं, शीतलहर के प्रकोप के बीच हजारों लोग दिल्ली की सीमाओं पर सड़क पर बैठे हैं। ये लोग किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए तो समस्या बने ही हुए हैं, खुद अपने स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। यह कहना है भाजपा के दिल्ली प्रदेश के पूर्व मंत्री गजेंद्र यादव का। गजेंद्र यादव का आरोप है कि कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के लोग अपने स्वार्थ के चलते लोगों को गुमराह करके उनसे आंदोलन करवा रहे हैं। लोगों को यह बताकर गुमराह किया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों से उद्योगपति उनकी जमीन पर कब्जा कर लेंगे, सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त कर रही है और देश भर में मंडियों को बंद कर दिया जाएगा। विपक्षी दल पड़ोसी राज्यों के किसानों को ऐसी झूठी व मनगढ़ंत बातें कहकर उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर बुला रहे हैं। गजेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को देशभर के किसानों को विपक्षी दलों के इस झूठ से आगाह किया था। उसके बाद बहुत से प्रदर्शनकारी धरनास्थलों से अपने घरों को चले गए, लेकिन विपक्षी दलों के लोग बराबर उन लोगों से संपर्क कर उन्हें वापस बुला रहे हैं। किसानों को इनके बहकावे में नहीं आना चाहिए। किसानों को यह समझना चाहिए कि ये कानून उनके हित के लिए हैं। इनसे किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें अपनी उपज को देश भर में कहीं भी बेचने की छूट मिली है।

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