लखीमपुर खीरी, नगर संवाददाता: किसानों ने आंदोलन करते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि किसान वायु प्रदूषण के लिए उधोगपतियों से लेकर शासन प्रशासन तक किसानों के प्रति एक साथ लाभ बंद होकर दोषी ठहरा कर अपराध बोधयुक्त प्रताड़ना दी जा रही है। किसानों ने यह भी कहा कि मानव जीवन के लिए अनेक प्रकार के वनस्पति वृक्ष आदि किसान लगाकर हर जीवों को प्राण वायु देने का कार्य कर रहे है, उन्होंने यह भी कहा कि किसान केवल गन्ना की सूखी पत्ती व धान का अवशेष जलाता है।
जनपद लखीमपुर खीरी की तहसील निघासन में भारी संख्या में किसानों ने आंदोलन करते हुए सरकार से मांग की है कि सुखी पत्ती व अवशेष जलाने पर 2500 से लेकर 5000 हजार तक जुर्माना जाता है उसे बंद किया जाए और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए।
किसानों की फसल को आवारा जानवर बर्बाद कर रहे है उन्हें गौशाला में प्रशासन द्वारा भेजा जाए।
किसानों ने यह भी मांग की है कि पूर्व की भांति जैसे किसानों को पर्ची भेजी जाती थी उसी प्रकार किसानों को एसएमएस पर्ची के साथ प्रिंट पर्ची भी भेजी जाए।
किसानों के जमीनी विवादों को लेकर उस जमीनी विवाद में लेखपाल खुद पहुँचे न कि अपने मुंशी को भेजे।
किसानों ने सरकार यह भी मांग की है कि सरकार तय करे कि किसानों को उनकी फसल का मूल्य प्राप्त हो सके और उनकी फसल बेचने पर समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर बेचने खरीदने पर अंकुश लगाया जाए।
सरकार द्वारा एमएसपी की गारंटी किसानों को दी जाए और किसान विरोधी तीनों बिल वापस लिए जाए।
इन मांगों के साथ भारी संख्या में एकत्र होकर किसानों ने निघासन चैराहे पर धरना प्रदर्शन किया जिससे काफी देर तक जाम लगा रहा प्रशासन के काफी मसक्कत के बाद किसानों मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार निघासन धर्मेंद्र पांडेय व खंडविकास अधिकारी आलोक वर्मा को सौंपा।
इस दौरान कोतवाल निघासन दिलेश सिंह, चैकी इंचार्ज झंडी राहुल सिंह व चैकी इंचार्ज पढुआ धर्मदास सिद्धार्थ अपने दल बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।
भारी संख्या में किसानों ने एकत्र होकर किया आंदोलन
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