अंबाला, जयबीर सिंह : भारत में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई हर सरकार विकास कार्यों के लंबे चौड़े दावे करती है देश में चल रहे विकास कार्यों के मध्य नजर एक बात साफतौर पर देखने में आई है कि देश में होने वाले विकास कार्यों में सबसे ज्यादा विकास ठेकेदारों का होता रहा है कोई भी सरकारी इमारत, सड़क, नाला, सीवरेज आदि कोई भी टेंडर निकाला जाता है तो वह अमूमन लागत मूल्य से 2 गुना 3 गुना ज्यादा ही होता है। ठेकेदारी प्रथा के चलते सरकार कोई भी कार्य अपने आधिकारियों से नहीं करती और यही कारण है कि किसी भी विकास कार्य से जनता का कम ठेकेदारों नेताओं और अधिकारियों का विकास ज्यादा होता है एक ही काम को बार-बार करना, तोड़ना फोड़ना और फिर करना इन सब में पैसा जनता का लगता है कमाई के ठेकेदारों की होती है और सरकार विकास के खोखले दावों के साथ अपनी पैठ मजबूत करती है।
विकास कार्यों में हो रहा ठेकेदारों का विकास
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