जेएनयू में प्रशासनिक भवन के अंदर धरने पर बैठे 200 छात्र

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नई दिल्ली/नगर संवाददाताः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने यूजीसी नोटिफिकेशन के विरोध में हुई रायशुमारी के बाद बिना किसी पूर्व सूचना के प्रशासनिक भवन पर धावा बोल दिया। ऐसा पहली बार हुआ है, जब छात्र प्रशासनिक भवन के अंदर धरने पर बैठे हैं। इसमें ऐसे भी छात्र शामिल हैं जो किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं। धरना-प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही कुलपति, रजिस्ट्रार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी प्रशासनिक भवन से बाहर निकल चुके थे। करीब 200 छात्रों ने 11 बजे प्रशासनिक भवन के अंदर प्रवेश किया। वे देर शाम तक प्रशासनिक भवन के अंदर और बाहर नारे लगाते रहे। इसमें एबीवीपी को छोड़कर लगभग सभी सक्रिय संगठनों के कार्यकर्ता और नेता शामिल थे। छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पहले डीन एग्जामिनेशन मिलाप पुनिया से मुलाकात की, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद छात्र उत्तेजित हो गए। वे नवनियुक्त प्रॉक्टर डॉ. विभा टंडन से मिले, लेकिन उनकी बात से भी सहमत नहीं हुए और गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए। दिन चढ़ने के साथ-साथ विरोध बढ़ने लगा। विभिन्न स्कूलों के एमए के विद्यार्थी कागज पर सवाल लिखकर उस पर हस्ताक्षर कर कुलपति कार्यालय (प्रशासनिक भवन के अंदर) में एकत्र होने लगे। देर शाम तक यह क्रम चलता रहा। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष मोहित पांडेय का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब यूजीसी के नोटिफिकेशन के विरोध में बड़ी संख्या में छात्र आगे आए हैं। रायशुमारी में छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और यही कारण है कि वे बृहस्पतिवार सुबह से ही प्रशासनिक भवन के बाहर जुटने लगे। जिस विश्वविद्यालय में 98 फीसद छात्र यूजीसी के नोटिफिकेशन का विरोध कर रहे हों, कोई विश्वविद्यालय उसे कैसे स्वीकार कर सकता है। छात्र संघ सचिव सतरूपा चक्रवर्ती का कहना है कि हमारी मांगों पर प्रशासन मौन है। यह छात्रहित से जुड़ा मुद्दा है। सीटों की संख्या में कटौती होगी तो यहां से एमए करने वाले छात्र एमफिल या पीएचडी करने कहां जाएंगे। गौरतलब है कि इसी मुद्दे को लेकर जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी पहले से ही भूख हडताल पर बैठे हैं। जेएनयू में छात्रों द्वारा प्रशासनिक भवन के अंदर हुए प्रदर्शन को जेएनयू प्रशासन ने दुर्भाग्यपूर्ण और कानून का उल्लंघन बताया है। जेएनयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर राणा प्रताप सिंह ने ट्वीट कर छात्रों से बातचीत कर मसला हल करने की बात कही है। यही नहीं सोमवार को सुबह 9 बजे उन्होंने इसके लिए समय भी दिया है।

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