जेएनयू में अब पैलेट गन के बहाने उठा कश्मीर का मुद्दा

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नई दिल्ली/नगर संवाददाताः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अब पैलेट गन के बहाने कश्मीर का मुद्दा उठा। जेएनयू परिसर में बृहस्पतिवार को कुछ कश्मीर के और अन्य समूहों से जुडे़ छात्र प्रतीकात्मक रूप से आंख और सिर पर पट्टी बांधकर पैलेट गन से घायल कश्मीरियों के समर्थन में प्रशासनिक भवन के बाहर जमा हुए। शाम को कश्मीर के मुद्दे पर छात्रों ने नाटक का मंचन भी किया। परिसर में सुबह से सन्नाटा था। सुरक्षा अधिकारी आने-जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखे हुए थे। छात्रों के परिचयपत्र देखे जा रहे थे। सुबह लगभग 10 बजे भगत ¨सह अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन (बासो) की तरफ से एक पोस्टर ने यह जता दिया कि शाम तक कुछ लोग शरारत कर सकते हैं। काले रंग के पोस्टर पर ‘आर द ब्लांइडेड ओर आर वी?’ लिखा था। एक आंख पर और सिर पर पट्टी बांधे धीरे-धीरे छात्र दोपहर करीब 12 बजे तक प्रशासनिक भवन के बाहर हो रहे विरोध में शामिल होने लगे। पिछले साल नौ फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य आयोजनकर्ता और अब बासो के सक्रिय सदस्य उमर खालिद ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा हमने हमेशा उठाया है। ऐसा नहीं है कि हमने 9 फरवरी का दिन इसीलिए चुना है, हम समय-समय पर कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं। एक आंख बंद कर और उस पर लाल रंग लगाकर घूम रहे एनएसयूआइ के नेता सनी धिमान ने कहा कि मैं अफजल का समर्थन नहीं करता, लेकिन कश्मीर में पैलेट गन से जो लोग घायल हुए हैं उनका समर्थन करता हूं। एबीवीपी के नेता सौरभ कुमार शर्मा का कहना है कि प्रशासन के समक्ष जब हम लोगों ने राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा व्याख्यान समारोह करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। अब प्रशासन की नाक के नीचे कश्मीर में पैलेट गन के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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