देहरादून, उत्तराखंड/नगर संवाददाताः सीएम हरीश रावत केंद्र सरकार की कथित विकास विरोधी नीति के विरोध में आज दिल्ली में जंतर-मंतर पर उपवास करेंगे। सीएम का कहना है भगीरथी घाटी परियोजना में रुकावट डालना विकासबंदी है. इस मामले पर सीएम उपवास कर केंद्र सरकार की नीति का विरोध करेंगे। 5 जनवरी यानि की आज दिल्ली मे उत्तराखंड की सियासत गर्म रहेंगी। जहां सीएम हरीश रावत दिल्ली जंतर मंतर में भगीरथी घाटी परियोजना के मसले पर सांकेतिक उपवास करेंगे तो वही तमाम अन्य मुद्दों को भी शामिल करके प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी सीएम के साथ धरना देने का मन बना लिया है। भगीरथी परियोजना के मुद्दें पर सीएम हरीश रावत आज सांकेतिक उपवास करेंगे। सीएम के फैसले को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का भी समर्थन मिला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी राज्य के कई मुद्दों पर सीएम के साथ धरना देगी। भागीरथी परियोजना के अलावा वन, पर्यावरण, पानी, आरक्षण जैसे मुद्दें दिल्ली में हावी होंगे। चुनवा करीब है तो कोई भी मुद्दा राजनीतिक पार्टियां अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती है. यही वजह है कि उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक इस वक्त राजनीतिक सरगर्मिया तेज़ हो गई हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को दिल्ली में सीएम रावत का धरना होने जा रहा है। दरअसल भगीरथी मास्टर प्लान खारिज किये जाने से सीएम हरीश रावत नाराज हैं। सीएम ने केन्द्र के इस फैसले को उत्तराखंड विरोधी करार देते हुए राज्य के हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। दिल्ली जंतर-मंतर में सीएम के सांकेतिक उपवास के फैसले के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी राज्य के कई मुद्दों को शामिल कर लिया है। वन, पर्यावरण, पानी और आरक्षण जैसे मुद्दें शामिल किये गये हैं। पीसीसी चीफ ने दावा किया है कि बिना निर्णय के दिल्ली से नही हटेंगे।
‘विकासबंदी’ के विरोध में सीएम हरीश रावत का दिल्ली में धरना आज
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