‘लौंगेवाला विजय दौड़’ 12 दिसम्बर को जैसलमेर से लौंगेवाला तक होगी मैराथन

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राजेंद्र चैाहान, जैसलमेर/राजस्थानः  1971 की भारत-पाक युद्ध के लौंगेवाला विजय और वीर सैनिकों की स्मृति में भारतीय वायुसेना द्वारा 12 दिसम्बर 2015 को ‘लौंगेवाला विजय दौड़’ का आयोजन किया जा रहा है।  यह युद्ध दुर्गम परिस्थितियों में भारतीय थल सेना व वायु सेना के हिम्मत और साहस का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें युद्ध के दौरान भारतीय थल सेना की एक छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तान के टैंकों से सुसज्जित एक विषाल सैन्य बल से रात भर तब तक लोहा लिया जब तक सुबह भारतीय वायु सेना के ‘हंटर’ युद्धक विमानों ने दुष्मनों को नेस्तनाबूत नहीं कर दिया।  इस युद्ध में भारत की जीत में भारतीय वायु सेना ने विंग कमाण्डर मिन्ही बावा ;बाद में एयर मार्षल के रूप में सेवा निवृत्तद्ध के नेतृत्व में एक निर्णायक भूमिका निभाई।सेना के जन सम्पर्क अधिकारी व प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि लौंगेवाला विजय दिवस दौड़ की शुरूआत जैसलमेर में स्थित पूनम स्टेडियम से होगी, जिसे दक्षिण पष्चिम वायु कमान, भारतीय वायुसेना के वायु अफसर कमाण्डिंग इन चीफ एयर मार्षल आर के धीर 12 दिसम्बर 2015 की सुबह 08ः30 बजे हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे।  तीन वर्गों में आयोजित होने वाली इस दौड़ में 5 किमी., 21 किमी. की हाफ मैराथन और 115 किमी. की जैसलमेर से लौंगेवाला तक की दौड़ शामिल है।  जैसलमेर से लौंगेवाला तक की दौड़ का मार्ग जैसलमेर से रामगढ़ के रास्ते लौंगेवाला तक होगा।  13 दिसम्बर को दोपहर लगभग 12 बजे तक इस दौड़ का समापन होगा।इस दौड़ में थलसेना, बी एस एफ, राजस्थान पुलिस और वायु सेना कार्मिकों के साथ-साथ आमजन भी भाग ले सकते हैं।  वायुसेना स्टेषन जैसलमेर द्वारा आयोजित इस दौड़ में बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए जैसलमेर के आम नागरिक आमंत्रित हैं।  औरतों व बच्चों के साथ हर उम्र के प्रतिभागी अपनी इच्छानुसार किसी भी वर्ग की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।  इस दौड़ में भाग लेने के लिए इच्छुक प्रतिभागी 12 दिसम्बर 2015 की प्रातः 07ः00 बजे तक पूनम स्टेडियम में अवष्य पहुॅंचें।  भारतीय सषस्त्र बलों की हिम्मत और ताकत बढ़ाने हेतु वायुसेना आम नागरिकों से इस दौड़ में भारी संख्या में शामिल होने का आव्हान करती है।

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