आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीनिवासन को मिली क्लीन चिट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में मुद्गल कमेटी ने नया खुलासा किया है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एन श्रीनिवासन को निर्दोष बताया है। गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पिछली सुनवाई में बंद लिफाफे के अंदर के जिन चार नामों का खुलासा हुआ था उनमे श्रीनिवासन भी एक थे लेकिन ये ताजा खुलासा इस मामले में एक नया ट्विस्ट माना जा सकता है। खबरों के मुताबिक इस रिपोर्ट में खोले गए चार ताजा नामों के बारे में क्या-क्या कहा गया है, आइए जानते हैं।

-एन.श्रीनिवासन (आइसीसी अध्यक्ष व बीसीसीआइ के निर्वासित अध्यक्ष)ः

इसमें साफ कहा गया है कि मैच फिक्सिंग में किसी भी तरह से श्रीनिवासन शामिल नहीं हैं। हालांकि रिपोर्ट में ये बात लिखी गई है कि श्रीनिवासन इस बात से वाकिफ थे कि खिलाड़ी कानून व नियमों के खिलाफ चीजें कर रहे हैं और फिर भी उन्होंने खिलाड़ियों को रोकने का प्रयास नहीं किया। फिलहाल श्रीनिवासन के लिए यह काफी राहत की बात है क्योंकि फिक्सिंग मामले में उन्हें काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी।

-गुरुनाथ मयप्पन (चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम मैनेजमेंट का हिस्सा)ः

उधर, श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन की भूमिका दोषपूर्ण बताई गई है। खबरों के मुताबिक इस रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया है कि मयप्पन के खिलाफ फिक्सिंग को लेकर तो कोई सबूत नहीं मिले हैं लेकिन सट्टेबाजी में वो भी शामिल थे। वो एक ऐसे खिलाड़ी के संपर्क में थे जिसकी सट्टेबाज के साथ बातचीत जारी थी।

-राज कुंद्रा (राजस्थान रॉयल्स टीम के सह-मालिक)ः

राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा की बात करें तो खबरों के मुताबिक इस रिपोर्ट में ये साफ जिक्र किया गया है कि राज कुंद्रा सट्टेबाजों से सीधे संपर्क में थे जिस दौरान उन्होंने बीसीसीआइ और आइपीएल के तमाम नियम-कानून तोड़े। इसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ राजस्थान पुलिस ने अचानक अपनी जांच रोक दी थी।

-सुंदर रमन (सीइओ, आइपीएल)ः

चौथा नाम, यानी आइपीएल के सीइओ सुंदर रमन। इनके बारे में इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने 8 बार सट्टेबाज से संपर्क किया था। इसके अलावा सुंदर रमन ने ये बात मान भी ली है कि वो मयप्पन और राज कुंद्रा के सट्टेबाजों से संपर्क के बारे में वाकिफ थे हालांकि उन्होंने इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताया।

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