दिसपुर गुवाहाटी, पिनाकी धार : इस महीने (मई, 2022) की 15,16 और 17 तारीख को देश के 22वें राज्य आयोग की ओर से भाग लेते हुए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन (जेसीएचएफ) का बजट सत्र खान प्राधिकरण के मिरात चारदह में आयोजित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित सत्र के मुख्य सचिव डॉ इंद्रेश कुमार, संरक्षक हरपाल सिंह, संरक्षक हरपाल सिंह, राज्य संरक्षक स्वयं सेवक संघ, सूर्यकांत जी, मुख्य सचिव, सूर्यकांत जी,केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आदि ने सार्वजनिक विस्फोट के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इसमें पूर्वोत्तर के 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अलावा असम, नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के लिए शामिल हुए। जेएसएफ के राष्ट्रीय सत्र में असम और पूर्वोत्तर के लिए दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। ये दो महत्वपूर्ण निर्णय असम जेएसएफ की तत्परता पर लिए गए थे। नगालैंड के प्रतिनिधियों ने बैठक में घोषणा की थी कि वे दो बच्चों की नीति का समर्थन नहीं करते हैं।यही निर्णय मेघालय के मूल निवासियों द्वारा भी लिया जाता है। दो पहाड़ी राज्यों में स्वदेशी जनजातीय समूह संदिग्ध आप्रवासियों की आक्रामकता के कारण अस्तित्व के संकट में हैं। नगालैंड और मेघालय में इस्लामी लोगों की आक्रामकता के लिए दो विशेष जातियों का निर्माण किया गया है। असम में भी, स्वदेशी समुदाय को इस्लामी संदिग्धों की आक्रामकता के लिए गांव छोड़ना पड़ता है। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दो सत्रों के दौरान राष्ट्रीय जेएसएफ सत्र में पारित महत्वपूर्ण प्रस्ताव की घोषणा की .1) भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और असम के जनजातीय समूहों (अनुसूचित जनजातियों) को ऐन की आबादी से बाहर रखा जाएगा।
2) पूर्वोत्तर में जनजातीय समूह एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण रेखा के पक्ष में अभियान चलाने के लिए जेएसएफ के साथ हाथ मिलाएंगे।
जेएसएफ की National Conference में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
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