नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कश्मीर में सिख लड़कियों का जबरन मतांतरण कर मुस्लिमों से विवाह कराने को लेकर दिल्ली के सिखों में भारी रोष है। सोमवार को जग आसरा गुरु ओट (जागो) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के साथ सिखों ने जम्मू कश्मीर भवन के सामने प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कश्मीर में सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और लड़कियों का अपहरण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पत्र की कापी जम्मू कश्मीर भवन में तैनात अधिकारियों को भी सौंपी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में सिखों के साथ सौतेले व्यवहार किया जा रहा है। आज यदि कश्मीर घाटी भारत के साथ है उसके पीछे सिखों की बड़ी कुर्बानी है। सिख बुरे दौर में भी घाटी से पलायन नहीं किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले दखल देने और जम्मू कश्मीर में मतांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने, वहां सिखों को अल्पसंख्यक का दर्जा दने, आनंद मैरिज एक्ट लागू करने, विस्थापित होने वाले सिखों को सम्मानजनक राहत पैकेज व कश्मीरी पंडितों के बराबर सुविधाएं देने और पंजाबी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने गुलाम कश्मीर के लिए खाली पड़े विधानसभा सीटों पर सिखों को मनोनित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद वहां की प्रशासनिक जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पास आने के बावजूद सिख अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सिख लड़कियों के अपहरण कर जबरन धर्मांतरण व विवाह कराने की घटनाओं से उनमें असुरक्षा की भावना और बढ़ी है। वहां पनप रही इस तरह की जेहादी मानसिकता को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाया जाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक लड़की अभी भी लापता है उसे तुरंत ढूंढ़कर उसके माता पिता को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के सिखों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।