दिल्ली कांग्रेस ने किया इमरान मसूद का जोरदार स्वागत

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चै. अनिल कुमार के साथ दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नव नियुक्त सचिव इमरान मसूद का प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन, अभिषेक दत्त, मुदित अग्रवाल, अली मेंहदी, महिला प्रदेश अध्यक्ष अमृता धवन, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल, संदीप गोस्वामी, जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार, गुरचरण सिंह राजू, विष्णु अग्रवाल, मदन खोरवाल, मौहम्मद उस्मान, राजेश चैहान, हरी किशन जिंदल, इंद्रजीत सिंह, ए.आर.जोशी, कैलाश जैन, जे.पी. पंवार, धर्मपाल चंदेला, दिल्ली सेवादल के मुख्य संगठक सुनील कुमार, एनएसयूआई अध्यक्ष कुणाल सेहरावत, विधिक एवं मानव अधिकार विभाग के चैयरमेन सुनील कुमार, एस.सी. सेल चैयरमेन सुनील कुमार, परवेज आलम, अनुज अत्रैय और राजेश गर्ग मुख्य रुप से मौजूद थे। चै. अनिल कुमार ने इमरान मसूद को दिल्ली सह-प्रभारी बनाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का धन्यवाद किया। अनिल कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष कोविड महामारी के शुरुआती दौर में जब लोग संकट से जूझ रहे थे, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई थी, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिशा निर्देशानुसार दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ता और प्रदेश पदाधिकारी दिल्ली भर में कोविड प्रभावित लोगों को सूखा राशन, पका हुआ पौष्टिक भोजन कांग्रेस की रसोई के द्वारा, दवाईयां, मास्क, सेनिटाईजर, आक्जीन सिलेंडर, एम्बूलेंस, श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने और अन्य जरुरी सुविधाएं बिना सत्ता में रहते हुए भी मुहैया कराई। चै. अनिल कुमार ने आश्वासन दिया कि जब तक कोविड महामारी से प्रभावित आम जन-जीवन दुरस्त नही हो जाता, दिल्ली कांग्रेस अपनी निस्वार्थ सेवा जारी रखेगी और कोविड और लॉकडाउन से प्रभावित लोग जो अजीविका पालन हेतू कठिनाईयों का सामना कर रहे है और जिन्होंने इस संकट में अपना रोजगार गंवाया है, उनकी हर सम्भव मदद करेगी। अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस की नीति रही है कि हमेशा गरीब और निम्न वर्ग के लोगों के लिए काम करती है, परंतु अरविन्द सरकार ने कोविड महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कोई सार्थक कार्यवाही किए बिना हमेशा ही लोगों को गुमराह करने का काम किया है। अरविन्द सरकार की असंवेदनशीलता और प्रशासिनक अक्षमता के कारण हजारों लोगों को कोविड महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी तथा सरकार लगातार मौत के आंकड़ों को कम बताती रही है।