कासगंज, नगर संवाददाता: कासगंज जिले में शराब माफिया के हमले में शहीद हुए सिपाही देवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा बुधवार दोपहर ढाई बजे उनके पैतृक गांव नगला बिंदु (थाना डौकी, आगरा) में पहुंचते ही कोहराम मच गया। मां और पत्नी बेसुध हो गईं। बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मासूम बेटी बस पापा-पापा बोल रही थी। ये दृश्य देखकर हर किसी की आंख नम हो गईं। परिवार को शहीद के अंतिम दर्शन कराने के बाद विदाई दी गई। इस दौरान एडीजी अजय आनंद, डीएम पीएन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार ने अर्थी को कंधा दिया।
सिपाही देवेंद्र सिंह आगरा जिले के गांव नगला बिंदू के रहने वाले थे। वह कासगंज जिले के थाना सिढ़पुरा में तैनात थे। मंगलवार शाम दरोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र सिंह वहां के गांव नगला धीमर और नगला भिकारी में अवैध शराब की सूचना पर कार्रवाई करने गए थे। जहां शराब माफिया ने हमला कर सिपाही देवेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी। हमले में दरोगा गंभीर रूप से घायल हो गए।
शहीद सिपाही देवेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को कासगंज से पुलिस वाहन में गांव नगला बिंदु लाया गया। इससे पहले ही अधिकारी भी गांव पहुंच गए। पार्थिव शरीर पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों को रिश्तेदार किसी तरह संभाल रहे थे। तिरंगे में लिपटे इकलौते बेटे को देखकर मां गुड्डी देवी बेसुध हो गईं। पत्नी चंचल भी बेहोश हो गईं। बहन प्रीति के आंसु नहीं रुक रहे थे। उन्हें परिवार की अन्य महिलाएं संभाल रही थीं। तीन साल की बेटी वैष्णवी को पिता के पास अंतिम दर्शन के लिए ले जाया गया। बेटी ने पापा-पापा कहकर पुकारा। यह देखकर हर आंख नम हो गई। इसके बाद परिवार के लोगों ने अंतिम विदाई दी। एडीजी अजय आनंद, जिलाधिकारी पीएन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहीद की अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया। गांव के लोगों ने देवेंद्र अमर रहे के नारे लगाए।