नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश के कासगंज में अपराधियों द्वारा पुलिस जवान की हत्या के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है। राज्य में आए दिन हत्याएं-बलात्कार और अपहरण हो रहे हैं। कासगंज में पुलिस जवान की हत्या ने साफ कर दिया है कि राज्य में पुलिस बल के जवान ही सुरक्षित नही हैं और ऐसे में जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है। पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है।
आप सांसद संजय सिंह ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कासगंज में जिस निर्ममता के साथ पुलिस जवानों की हत्या हुई है, उसने हाल ही में बिकरू कांड की याद दिला दी है, जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा के साथ आठ पुलिस जवानों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस जवानों की हत्या से ही साफ हो जाता है कि जनता असुरक्षित है और अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में आए दिन हाथरस कांड की तरह जगह-जगह पर बहू-बेटियों के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन इसके बाद भी पुलिस उन्हें रोक नहीं पा रही है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में बुधवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनावों को लेकर तारीख पर तारीख लग रही है। ग्राम प्रधानों के कार्यकाल लगभग चार-पांच महीने पहले खत्म हो गए हैं। चुनाव समय से पहले होना चाहिए था, लेकिन यूपी सरकार उसको टालती गई। अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तो कहते हैं कि हम चुनाव करा देंगे, हमारी तैयारी है। इसके बाद हाइकोर्ट ने 30 अप्रैल तक चुनाव कराने का स्पष्ट आदेश दिया। अब पता चला है कि कैबिनेट के माध्यम से एक नया शासनादेश लेकर आ गए हैं। उत्तर प्रदेश में पूरी आरक्षण प्रक्रिया को बदल रहे हैं। यानी अपने मन मुताबिक सीटों का आरक्षण कराने के लिए आदित्यनाथ सरकार ने नियमों में ही बदलाव कर दिया है। यह क्यों कर रहे हैं?
सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जनता से होने चाहिएं। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता से होना चाहिए। जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव सिंबल पर होंगे। मैंने और आम आदमी पार्टी ने इसका स्वागत किया था। हमने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि अच्छी बात है कि पंचायतों में कम से कम राजनीतिक दल अपने सिंबल पर चुनाव लड़ सकेंगे। अपने प्रत्याशी खड़ा कर सकेंगे। अब किसान आंदोलन से डरकर फैसला बदल दिया है। बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर, नोएडा, दादरी, पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में जिस प्रकार से किसान आंदोलन तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे आदित्यनाथ बुरी तरीके से डर गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ने से पहले ही मैदान छोड़कर भाग गई। अब कह रहे हैं कि हम जिला पंचायत के चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ेंगे। क्योंकि किसान, आंदोलन पर बैठे हैं। लोकतंत्र में दिए गए अपने वोट के अधिकार की ताकत से इनको सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। क्योंकि जिला पंचायत के चुनाव भाजपा अपने सिंबल पर लड़ती है, तो किसान जमानत जप्त कराकर वापस उनको घर भेज सकता है। इसके कारण घबराकर डर से भारतीय जनता पार्टी चुनाव छोड़कर भाग गई है। अब कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव सिंबल पर नहीं होगा। यह अजीब बात है, क्योंकि जो पार्टी 325 सीटें लेकर सत्ता में है, वो अब सिंबल पर चुनाव कराने से डर रही है।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा कहती है कि किसानों के भले के लिए कानून लेकर आए हैं। जब किसानों के भले में कानून लेकर आए हो तो जिला पंचायत के चुनावों में सबसे ज्यादा किसानों की भागीदारी होगी। आप सिंबल पर चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? सिंबल पर चुनाव लड़ने की आपकी हिम्मत क्यों नहीं पड़ रही है, क्योंकि आपको हार का और जमानत जप्त होने का डर है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी का विस्तार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। पंचायत के चुनाव के लिए हम लोगों की तैयारी हर जिले में युद्ध स्तर पर चल रही है। इस बार करीब 3050 सीटों पर पंचायत के चुनाव होने जा रहे हैं। पता चला है कि सीटों की संख्या कम की जाएगी। आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ेंगे। इसकी तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी चैधरी सुरेंद्र कुमार के प्रयासों से बहुत सारे लोग आज पार्टी में शामिल हो रहे हैं।