मनोज तिवारी ने मांगा केंद्र से क्षेत्र के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: सांसद मनोज तिवारी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लिए एक जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की मांग की है संसद में शून्यकाल के दौरान प्रश्न उठाते हुए मनोज तिवारी ने केंद्र सरकार से मांग की और संसदीय क्षेत्र में दिल्ली सरकार की उपेक्षा के चलते शिक्षा की बदतर व्यवस्था की ओर सदन का ध्यान आकर्षित कियाउन्होंने सदन को अवगत कराया कि दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है जिसका खामियाजा हमारे संसदीय क्षेत्र के हजारों छात्रों को भी भुगतना पड़ रहा है उन्होंने सब सदन को अवगत कराया कि जब मैं दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में गया तो वहां के छात्रों ने बताया कि वह प्रतिदिन दो से 3 घंटे ही पढ़ पाते हैं कई छात्रों ने तो यहां तक बताया कि सप्ताह में 3दिन ही विद्यालय जाने का उन्हें अवसर मिलता है क्योंकि छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक और अध्ययन के लिए ऐसे विद्यालयों का अभाव होने के कारण 1 स्कूल में 3 से लेकर चार चार पारियां लगती हैं जिसके कारण छात्रों को अध्ययन का पूरा समय नहीं मिलता है और उसके दुष्प्रभाव के चलते लाखों बच्चे परीक्षाएं उत्तीर्ण करने में असफल हो रहे है उन्होंने सदन से कहा कि एक जिम्मेदार सांसद होने के नाते दिल्ली सरकार की लचर शिक्षा व्यवस्था से मैं आहत हूं और सरकार से मांग करता हूं कि वह बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमारे संसदीय क्षेत्र में एक जवाहर नवोदय विद्यालय खोलें जिससे बच्चों को बेहतर भविष्य और अच्छी शिक्षा मिल सके मनोज तिवारी ने जारी प्रेस बयान में कहा कि 2014 के बाद क्षेत्र की गलियों में चुनाव के दौरान भी और उसके बाद भी जब भी मैं गया मैंने प्रतिभाओं की भरमार देखी लेकिन साधनों का अभाव भी स्पष्ट दिखाई दिया और मैंने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र में तीन केंद्रीय विद्यालय खुलवाने का प्रयास शुरू किया इनमें से एक शहादरा केंद्रीय विद्यालय बनकर तैयार है बाकी दो केंद्रीय विद्यालय खजूरी खास और बुराड़ी में बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है उन्होंने कहा कि हर स्तर से पिछड़ा हुआ संसदीय क्षेत्र मुझे विरासत में मिला जिस में तेजी से सुधार लाते हुए विकास के कई काम पूरे किए लेकिन शिक्षा के बगैर न तो समाज का विकास संभव है और ना ही क्षेत्र का क्योंकि हर काम के लिए जागरूकता जरूरी है और जागरूकता के लिए शिक्षित होना जरूरी है।

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