नई दिल्ली, नगर संवाददाता: आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि उसने 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बेड घटाकर 60 फीसदी करने का निर्णय लिया है, जैसा कि स्थिति प्रबंधन समिति ने सिफारिश की है। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद से कहा कि यह निर्णय एम्स निदेशक और नीति आयोग के एक सदस्य की दो सदस्यीय समिति द्वारा स्थिति प्रबंधन समिति की सिफारिश पर मुहर लगाने के बाद लिया गया है। स्थिति प्रबंधन समिति ने इन 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित बेड 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की सिफारिश की थी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख आठ जनवरी तय की। इससे पहले दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन और अतिरिक्त स्थायी वकील संजय घोष ने अदालत से कहा कि इस आरक्षण की पांच जनवरी को समीक्षा की जाएगी। अदालत ने दिल्ली सरकार से अगली सुनवाई के दिन अपना फैसला उसके सामने रखने का निर्देश दिया। न्यायालय एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने यहां 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बेडों को कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित करने के 12 सितंबर के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया है। एसोसिएशन ने 24 दिसंबर को स्थिति प्रबंधन समिति की सिफारिश का विरोध किया था और कहा था कि कोविड-19 के प्रतिदिन के नये मामलों में कमी आने, संक्रमण दर घटने तथा सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में आरसीयू बेड उपलब्ध होने को लेकर अब यह आरक्षण समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
निजी अस्पतालों में आरक्षित कोविड आईसीयू बेड घटाकर 60 फीसदी करने का फैसलाः दिल्ली सरकार
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