दिल्ली/नगर संवाददाता : नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटान के बाद कश्मीर के हालातों को जानने के राहुल गांधी 11 विपक्षी नेताओं के साथ श्रीनगर जा रहे हैं। उधर जम्मू.कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार रात बयान जारी कर राजनेताओं से घाटी की यात्रा नहीं करने को कहा। सरकार का कहना है कि इससे धीरे-धीरे शांति और आम जनजीवन बहाल करने में बाधा पहुंचेगी। पेश है पल.पल का अपडेट्स.
. राहुल गांधी श्रीनगर जाने से लिए एयरपोर्ट रवाना। कई बड़े नेता पहले ही पहुंच चुके हैं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं ये नेता
ः विपक्षी नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, राजद के मनोज झा, द्रमुक के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल होंगे। दरअसल, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता दिया था।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार कहती है हालात सामान्य हैं तो मुझे क्यों रोका गया। कश्मीर पर मोदी सरकार छुपा रही है। अगर हालात सामान्य हैं तो महबूबा मुफ्तीए फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला को नजर बंद क्यों किया गया है।
जम्मू.कश्मीर प्रशासन ने जारी किया बयान : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बयान में कहा कि ऐसे वक्त में जब सरकार राज्य के लोगों को सीमा पार आतंकवाद के खतरे और आतंकवादियों तथा अलगाववादियों के हमलों से बचाने की कोशिश कर रही है और उपद्रवियों तथा शरारती तत्वों को नियंत्रित करके लोक व्यवस्था बहाल करने की कोशिश कर रही है, तब वरिष्ठ राजनेताओं की ओर से आम जनजीवन को धीरे-धीरे पटरी पर लाने में बाधा डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
बयान में कहा गया है कि राजनेताओं से अनुरोध किया जाता है कि सहयोग दें और श्रीनगर की यात्रा नहीं करें, क्योंकि उनके ऐसा करने से अन्य लोगों को असुविधा होगी। वे पाबंदियों का भी उल्लंघन करेंगे जो अब भी कई इलाकों में कायम हैं। वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि शांति, व्यवस्था और जानहानि को रोकने को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए।