विश्व कल्याण के लिए प्रत्येक युवा बनें पवित्र ग्रन्थ के संदेशवाहक : सुषमा

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aहरियाणा, जयबीर राणा : केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए प्रत्येक युवा को पवित्र ग्रंथ गीता का संदेशवाहक बनना होगा। इसके लिए प्रत्येक युवा को गीता में जीना होगा और प्रत्येक दिन इस ग्रंथ के कम से कम 2 श्लोकों को अपने जीवन में धारण करना होगा। हमें चाहिए कि इस पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के सांझे सूत्र कर्म का जीवन में कभी त्याग न करेें और कर्म करने में कभी अहंकार न करेें और न ही कभी फल की इच्छा करें। इन तमाम पहलुओं को अपने जीवन का आधार बनाकर मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान थीम पार्क में आयोजित वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी। श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता विश्व का सबसे बड़ा दार्शनिक ग्रंथ है। इस ग्रंथ को दार्शनिक इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली वाणी से ही इस ग्रंथ की रचना हुई। इतना ही नहीं पूरे विश्व में पवित्र ग्रंथ गीता ही एकमात्र ही ऐसा  ग्रंथ  है जो जीवन जीने की राह दिखाता है और दुनिया की तमाम समस्याओं का निदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है। इस  ग्रंथ का एक-एक श्लोक मनुष्य को संस्कारवान बनाता है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है। पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश उसी समय में ही सार्थक नहीं थे, अपितु आज के युग में भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। गीता के वैश्विक सिद्धांत समाज को जीवन जीने का सार बताते हैं। इस ग्रंथ की महिमा अपरमपार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से गीता जयंती उत्सव को पिछले 3 सालों से  अंतर्राष्ट्रीय  महोत्सव का दर्जा मिला है और कुरुक्षेत्र विश्व के नक्शे पर आ गया है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र में ही नहीं, हरियाणा के प्रत्येक जिले में मनाया जा रहा है। इसके अलावा दुनिया के विभिन्न देशों में गीता महोत्सव को लेकर भारतीय समयानुसार वैश्विक गीता पाठ किया जा रहा है। इस गीता पाठ से पूरे विश्व को प्रेरणा मिलेगी और मनुष्य का आंतरिक रूप से भी विकास होगा। उड़ीसा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता नौजवानों, बुजुर्गों और सैनिकों के लिए प्रेरणादायक है। इस ग्रंथ का अनुसरण करते हुए हमेशा स्वार्थों को भूूलकर निस्वार्थ भाव से कार्य करने की जरूरत है। कुरुक्षेत्र से सभी को यह तय करके जाना होगा की पवित्र  ग्रंथ  गीता का अनुसरण करते हुए अपनी जिम्मेवारी को निभायेंगे। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता विश्व का सर्वमान्य और वंदनीय ग्रंथ है और इस ग्रंथ का अनुसरण करना चाहिए। इस ग्रंथ में मानवता, अहिंसा और कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। इस ग्रंथ को अगर साईंस के साथ जोडक़र देखा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हरियाणाा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता मोक्ष प्राप्ति की राह दिखाता है, जीवन की जीने की कला सिखता है, नर से नारायण बनने का मार्ग भी गीता में निहित है। इतना ही नहीं कर्मयोग का संदेश देने वाले इस ग्रंथ  में विश्व की सभी समस्याओं का समाधान भी शामिल है। उन्होंने कहा कि गीता को पढऩे से लोक कल्याण होगा, इस ग्रंथ से समाज को निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, योग गुरु स्वामी रामदेव, सुधांशु जी महाराज और स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने भी अपने विचार रखे। इससे पहले केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उड़ीसा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल, राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी, स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, योग गुरु स्वामी रामदेव, सुधांशु जी महाराज, चिदानंद मुनि महाराज, स्वेदशी मंच के राष्टï्रीय संयोजक कश्मीरी लाल, बाबा भूपेन्द्र सिंह, विधायक सुभाष सुधा, विधायक लतिका शर्मा समेत कई गणमान्य व्यञ्चितयों ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की गूंज तथा गीता पूजन के साथ दीप प्रज्जवलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके उपरांत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विधिवत रूप से वैश्विक गीता पाठ को शुरू करने की घोषणा की। इससे पहले जिला प्रशासन व शिक्षण संस्थानों तथा तमाम संस्थाओं के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में तीसरी बार 18 हजार विद्यार्थियों ने पवित्र  ग्रंथ  गीता के 18 अध्यायों के प्रेरक18 श्लोकों का सामूहिक उच्चारण और अनुवाद कर एक नया इतिहास रचने का काम किया। इन विद्यार्थियों ने पूरे समाज को कर्म, ज्ञान, भक्ति योग के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। इतना ही नहीं इस वर्ष गीतास्थली ज्योतिसर की पावन धरा से 108 ब्राह्मïणों ने गीता पाठ का उच्चारण किया। इस दौरान केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व स्वामी ज्ञानानंद ने 700 श्लोकों को कंठस्थ करने वाले पानीपत के छात्र हर्षवर्धन जैन को सम्मानित किया।

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