नई दिल्ली/नगर संवाददाताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े संदेश के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) कालेधन को सफेद करने में मदद करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गया है। फिलहाल 26 ऐसे सीए की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने शिकायतों के बावजूद गड़बड़ी करने वाले सीए के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने को चिंताजनक बताते हुए आईसीएआई को आ़़डे हाथों लिया था। दरअसल, सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने कई सीए की संदिग्ध भूमिका के बारे में आईसीएआई को आगाह किया है। आईसीएआई के अध्यक्ष निलेश शिवजी विकमसे ने कहा कि मुखौटा कंपनियों से संबंध को लेकर 26 सीए की भूमिका की जांच की जा रही है। एसएफआईओ ने इन सीए की संदिग्ध भूमिका की जानकारी दी है और उनके बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। आईसीएआई के पास तय नियमों के उल्लंघन होने पर सीए के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। इसमें निलंबन और पंजीकरण तक रद किया जाना शामिल है। मुखौटा कंपनियों के मार्फत कालेधन को सफेद करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने कई सीए को गिरफ्तार भी किया है। एक जुलाई को आईसीएआई के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कालेधन को सफेद करने में सीए की भूमिका को लेकर तीखे कटाक्ष किए थे और उन्हें ‘बही को सही’ करने वाला साथी कहा था। प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया था कि नोटबंदी के दौरान कोई तो होगा, जिसने इन कंपनियों को कालेधन को सफेद करने में मदद की होगी। उनको पहचानने और किनारे करने की जरूरत है। उन्होंने गड़बडि़यों में शामिल सीए के खिलाफ आईसीएआई की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि पिछले 11 साल में सिर्फ 25 सीए के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जबकि 1400 से ज्यादा मामले सालों से लंबित पड़े हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आईसीएआई दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाकर उन्हें सजा देगा। आईसीएआई की ताजा कार्रवाई को इसी से जो़ड़कर देखा जा रहा है।
पीएम मोदी के कड़े संदेश के बाद सीए के खिलाफ कार्रवाई शुरू
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