नई दिल्ली/नगर संवाददाताः दिल्ली नगर निगम के लिए बज चुके चुनावी बिगुल के बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग चला रहे 11 हजार लोगों को नोटिस जारी कर दिए हैं। उनसे कहा गया है कि आप लोग उद्योग चलाने के नियम पूरे नहीं कर रहे हैं, क्यों न आपकी फैक्ट्री को सील कर दिया जाए। इससे नाराज और परेशान फैक्टरी संचालकों ने दिल्ली सरकार की शरण ली है। 12 से अधिक उद्यमियों ने दिल्ली सरकार से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। कारोबारी दिल्ली के उद्योग व गृह मंत्री सत्येंद्र जैन व पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन से भी मिले हैं। चुनावी माहौल में इस तरह के नोटिस जारी होने और उद्योग संचालकों की नाराजगी को देखते हुए दिल्ली सरकार हलकान है। उद्यमियों का कहना है कि केंद्र सरकार की उद्योगों को लेकर नई नीति के अनुसार दिल्ली में 35-40 फीसद फैक्ट्रियों को प्रदूषण नियंत्रण विभाग से लाइसेंस नहीं लेना पड़ेगा। पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र की एसोसिएशन के महासचिव एस के माहेश्ववरी का कहना है कि करीब 23 दिन पहले डीपीसीसी बोर्ड की बैठक हुई थी। उसमें भी इस बारे में चर्चा हुई थी। मगर परिणाम उद्यमियों के हक में नहीं आया है। उद्यमियों को थोक के हिसाब से नोटिस भेजे जा रहे हैं। उधर आम आदमी पार्टी की टेड विंग के संयोजक ब्रिजेश गोयल ने कहा कि यह मामला उनके भी संज्ञान में आया है। पूरी पार्टी उद्यमियों के साथ है। हम उद्यमियों के साथ ज्यादती नहीं होने देंगे। हमने दिल्ली सरकार के सामने भी उद्यमियों का पक्ष रखा है। बता दें कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों ने विभिन्न विभागों द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार को सौंपे गए मांग पत्र में उन्होंने कहा है कि फैक्टरियों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया सरल की जाए। इसके लिए फायर विभाग के नियमों में भी परिवर्तन किया जाए। उद्यमियों ने तर्क दिया है कि वे लोग दिल्ली सरकार के तहत दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम के अंतर्गत उद्योग चला रहे हैं। मगर नगर निगम के लाइसेंसिंग विभाग वाले उन्हें लाइसेंस न लेने पर प्रताड़ित कर रहे हैं।
दिल्ली में 11 हजार उद्योगों को सील करने का नोटिस
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