नई दिल्ली/नगर संवाददाताः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में अपने कुछ फैसलों से सुर्खियों में हैं।राष्ट्रपति ट्रंप के ब्रिटेन के प्रस्तावित दौरे पर हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर ने कहा कि उन्हें हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। स्पीकर जॉन बरको ने कहा कि नस्लवाद के मुद्दे पर ट्रंप की सोच से ब्रिटेन की सोच में फर्क है। उन्होंने कहा कि किसी देश की संसद को संबोधित करना किसी अधिकार के तहत नहीं होना चाहिए, बल्कि आप जिस तरह की सोच या नजरिया रखते हैं उसका सम्मान होता है। जॉन बरको ने कहा कि शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाए जाने के मुद्दे पर वो ट्रंप के नजरिये से सहमत नहीं है। वेस्टमिंस्टर हॉल में जिस वक्त ट्रंप ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करेंगे वो ट्रंप का विरोध करेंगे। बर्को का आम तौर पर विरोध करने वाले सांसद उनके समर्थन में आ गए। हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर वो अमेरिका के साथ बेहतर रिश्तों की वकालत करते हैं। लेकिन कुछ बुनियादी मुद्दों पर वो ट्रंप की सोच से सहमत नहीं हो पाते हैं। ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने हाल ही में अमेरिकी दौरे में राष्ट्रपति ट्रंप को ब्रिटेन आने का न्यौता दिया था। पिछले हफ्ते जब ट्रंप के ब्रिटेन आने की जानकारी आम जनता को मिली, ठीक उसी समय करीब 20 लाख लोगों ने लिखित तौर पर ट्रंप के ब्रिटेन आने का विरोध किया था।
ट्रंप को ब्रिटिश संसद संबोधित करने की नहीं देंगे इजाजत : जॉन बरको
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