सीवान, बिहार/अमित कुमारः सीवान जेल में बंद राजद नेता व पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की नई वेश-भूषा में सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल होने के बाद राज्य सरकार और जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर अनेक गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर हाई सेक्युरिटी वाले जेल में मोबाइल फोन कैसे पहुंचे? क्या शहाबुद्दीन जेल में अपने लोगों से आज भी बेरोक टोक मिलते हैं? शहाबुद्दीन के इशारे पर ही पिछले 15 दिनों में पत्रकार राजदेव रंजन की विधवा को खाड़ी देशों से दो बार सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस नहीं लेने पर अंजाम भुगतने की धमकियां मिलीं। पुलिस अब तक धमकी देने वालों की पहचान तक नहीं कर पाई है। शहाबुद्दीन को सीवान से दिल्ली के तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने और उसके सारे मुकदमों की सुनवाई बिहार से बाहर कराने के मामले में बिहार सरकार ने चुप्पी साध लिया है। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट बताना चाहिए कि गवाहों और ट्रायल को प्रभावित करने वाले शहाबुद्दीन को सीवान से दिल्ली के तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किया जाए तथा उसके अन्य सारे मुकदमों की सुनवाई बिहार से बाहर कराई जाए। सीवान जेल में रह कर वहां से अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने वाले शहाबुद्दीन इतने ताकतवर है कि आज तक राजद उन्हें अपनी राष्ट्रीय कार्यसमित और दल से निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है। तस्वीर वायरल होने से साफ है कि शहाबुद्दीन सरकार पर हावी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर कानून का राज कायम करना चाहते हैं तो उन्हें लालू प्रसाद के दबाव और दुविधा से बाहर निकल कर शहाबुद्दीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट रूख अख्तियार करना चाहिए।
मोहम्मद शहाबुद्दीन की नई वेश-भूषा में सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल
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