नई दिल्ली/नगर संवाददाताः आर्थिक संकट से घिरे कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वे अपने लेनदार बैंकों के साथ उचित समझौता चाहते हैं। फिलहाल लंदन में रह रहे माल्या ने यहां प्रकाशित अंग्रेजी अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ से चर्चा में यह बात कही। गौरतलब है कि बैंकों की ओर से माल्या को भारत छोड़ने से रोकने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किए जाने से पहले ही विजय माल्या दो मार्च को लंदन के लिए उड़ान भर चुके थे। बाद में 60 वर्षीय माल्या ने दोहराया था कि वे भगोड़े नहीं हैं क्योंकि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 18 बैंकों के कंसोर्टियम से बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि बैंकों के साथ हमारी बातचीत हमेशा जारी रही है। इसका मकसद यही रहा है कि हम मामले को सेटल करना चाहते हैं, लेकिन यह समझौता हम वाजिब कीमत पर चाहते हैं जिसे हम अफोर्ड कर सकें और बैंक भी इसे पूर्व में किए गए समझौतों के आधार पर न्यायसंगत ठहरा सकें। अखबार से बातचीत में माल्या ने जोर देकर कहा, ‘मेरा पासपोर्ट लेकर अथवा मुझे गिरफ्तार करके उन्हें कोई पैसा हासिल नहीं होने वाला।’ उन्होंने कहा कि मुझे मजबूरी में भारत छोड़ना पड़ा और ब्रिटेन से लौटने का मेरी अभी कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के लोन मामले में ‘वांटेड’ विजय माल्या को प्रत्यर्पित करने का औपचारिक रूप से आग्रह भारत सरकार ने गुरुवार को ब्रिटेन से किया है। मनी लांडरिंग जांच मामले में हाल ही में माल्या के खिलाफ देश में गैर जमानती वारंट जारी हुआ है, हालांकि माल्या इस मामले में भी कुछ भी ‘गलत’ करने से इनकार कर रहे हैं।
अपने लेनदार बैंकों के साथ उचित समझौता चाहिए: माल्या
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