दिसपुर/गुवाहाटी, पिनाकी धरः असम दृष्टिबाधित लड़कियों की क्रिकेट टीम ने हजार बाधाओं के बावजूद पहली बार बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया।
असम नेत्रहीन लड़कियों की क्रिकेट टीम ने पहली बार केयर यू 365 नामक गैर सरकारी संगठन की पहल पर राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया है।असम की टीम ने 9 जनवरी से भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ (सीएबी) द्वारा आयोजित ष्सहायक राष्ट्रीय महिला नेत्रहीन क्रिकेट टूर्नामेंटष् में भाग लेकर बेंगलुरु में अच्छा प्रदर्शन किया है। टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चार टीमों में कुल 16 राज्यों ने भाग लिया। असम ने तीन मैच गंवाए लेकिन केरल के खिलाफ 18 ओवर के मैच में बेहद अच्छे प्रदर्शन से चार विकेट पर 117 रन बनाए। असम ने दिल्ली और तमिलनाडु को भी टक्कर दी जो दृष्टिबाधित क्रिकेट के क्षेत्र में काफी मजबूत हैं लेकिन हार गए। बेंगलुरु में असम की टीम को असम टीम के खिलाड़ियों द्वारा उनके बेहतर खेल, बिना जरूरी सुविधाओं के, उचित अभ्यास के लिए सुविधाएं मिले बिना और पहली बार दृष्टिबाधित क्रिकेट के मैदान में कदम रखने के लिए काफी सराहा गया। दिल्ली से 179 रन और तमिलनाडु के हाथों 111 रन से हारने के बावजूद असम नेत्रहीन क्रिकेट के संयोजक ने केरल के खिलाफ 117 रन बनाने के टीम के प्रयासों पर संतोष जताया।असम ब्लाइंड क्रिकेट के संयोजक भृगु बोरठाकुर ने कहा, श्खेल में जीत और हार होती रहती है। वास्तव में यह असम के लिए बाधाओं के खिलाफ एक बड़ी जीत है कि दृष्टिबाधित लड़कियों का एक समूह राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेता है। एक दृष्टिबाधित लड़की खिलाड़ी के लिए असम से बाहर जाकर खेल में हिस्सा लेना आसान नहीं है। फिर फिर से असम की टीम के ज्यादातर खिलाड़ी पूरी तरह से दृष्टिबाधित हैं। इस खेल को खेलने से निश्चित रूप से उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर उसे सरकारी मदद और संरक्षण मिलता है तो असम की टीम को निश्चित तौर पर उचित प्रशिक्षण और अभ्यास मिलेगा और वह अच्छा प्रदर्शन करेगी।
गौरतलब है कि असम टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले नेत्रहीन लड़कों की क्रिकेट टीम के कप्तान राजदीप डाकुआ ने लड़कियों की टीम के कोच के रूप में हिस्सा लिया था। टीम का नेतृत्व रंजीना बेगम और उप-कप्तान प्रेरणा बरुआ ने किया। केयर अंडर 365 के सुशील पौरल को टीम मैनेजर बनाया गया है। लड़कियों की टीम नौगांव के बादामपुर में श्रीमंत शंकर मिशन अंधद हायर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षिका डिबेन बरुआ की सलाहकार थी और एसोसिएशन की सदस्य प्रियंका ककाती लड़कियों की टीम की देखभाल करने वाली थीं। प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले, खिलाड़ियों को गुवाहाटी के ईदगाह फील्ड, नगांव और गुवाहाटी के नुनमती फील्ड में प्रशिक्षित किया गया था। उल्लेखनीय है कि खेल एवं युवा कल्याण संबंधी राज्य स्तरीय सलाहकार समिति के सदस्य सचिव गीतार्थ गोस्वामी ने दृष्टिबाधित क्रिकेट के प्रति सरकार की ओर से सहयोग की इच्छा व्यक्त की है। अर्जुन नयनमणि सैकिया, सामाजिक न्याय और अधिकारिता निदेशक किशोर ठाकुरिया जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी खिलाड़ियों को ऑनलाइन प्रोत्साहित किया।
पहली बार बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया
News Publisher