बंगलुरु, तारक नाथ भट्टाचार्जी-
विश्वविख्यात् भारत सेवा आश्रम को कोई परिचय की अवश्यकता नहीं है परंतु बड़ी ही दुःख के साथ यह कहना पड़ रहा है की करनाट क की राजधानी बंगलुरु के स्थानिय प्रसासन बी डी ए ने बिना नोटिस के ही इसे तोड़ डाला ।
जकुर् में सन् 2006 मे इस आश्रम
की नींव रखी गई थी और सन् 2008 मे इसकी उद्घाटन की गई थी।
2008 से लेकर 2013 की इस लंबे अंतराल मे इस प्रतिष्ठान ने मानव कल्याण के कई कार्य किए जैसे की प्रती दिन निशुल्क भोजन प्रदान करना, स्थानिय ग्राम के 50 मेधावी बलिकाओ को सालाना 6000/रू की अनुदान देना।
आश्रम के स्वामीजी श्री शिवा प्रेमानंद का कहना है की भारत के विभिन्न प्रांत से आए हुए रोगियो को निशुल्क रहने की व्यवस्था करवा ते थे साथ ही साथ भोजन भी निशुल्क थी। दुस्थ बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर की प्रशिक्षण करवाना एवं टेलरिंग प्रशिक्षण की भी व्यवस्था थी। इसी तरह और भी कई प्रकार के सामाजिक कार्य मे कार्यरत थे। इस दुखद हालत मे भी स्वामीजी ने किसी को निराश नहीं किया और इस अन्याय के बावजूद जरूरत मंदो की रक्षा का प्रण लिया।
भारत सेवाश्रम की दुखद गाथा
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