सोनीपत, नगर संवाददाता: हरियाणा के माननीय सहकारिता एवं अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिले प्रोत्साहन व किसानों के विशेष सहयोग से इस बार हरियाणा में चीनी मिलों को निर्धारित समय से पहले शुरू किया जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर चीनी मिलों को घाटा कम होगा, जिससे मिलों को बेहतरीन एवं सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि समय से पहले ही किसानों का गन्ना मील द्वारा लिया जा सकेगा।
डा. बनवारी लाल ने सोनीपत के गन्ना उत्पादक किसानों को चीनी मिल के पिराई सत्र 2020-21 का शुभारंभ करते हुए बधाई दी व कहा रिकवरी रेट को बेहतर करने के लिए चीनी मिल जल्दी शुरु की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मिलों का सुचारू रूप से चलाने के लिए मैनटेंनेंस का कार्य पहले ही कर लिया जाता है ताकि मील में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए और मील को बीच में नहीं रोकना पड़े। इसके अलावा पिछले साल से सोनीपत शुगर मील की पेराई क्षमता 1200 टीसीडी से बढाकर 2200 टीसीडी कर दिया है।
डा. बनवारी लाल ने कहा कि पूरे भारत में गन्ने का सबसे ज्यादा रेट हरियाणा के किसानों को दिया जा रहा है ताकि गन्ना उत्पादक किसानों को खासा मुनाफा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गन्ने की 15023 किस्म को बढावा देने के लिए किसानों को अलग से 8 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक किसान इस किस्म को उगा सके। क्योंकि इस वैराइटी में 14 प्रतिशत का रिकवरी रेट है जो सभी किस्मों से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता स्थापित करते हुए ऑनलाईन व्यवस्था प्रारंभ की गई है। अब किसानों को मोबाईल ऐप के माध्यम से हर प्रकार की जानकारी दी जाती है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंकाओं पर विराम लगाया गया है। सरकार द्वारा पिछले वर्ष गन्ने का भुगतान 5 जुलाई तक कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों के गन्ने की पोरी-पोरी खरीदी जाएगी। उचित समय पर किसानों के गन्ना बोंड की फिजीकल वैरिफिकेशन करवायेंगे।
डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि हरियाणा में अब चीनी मिलों से चीनी के अलावा अथनॉयल भी निकाला जा रहा है। क्योंकि अथनॉयल को पैट्रोल में मिलाया जा सकता है जिससे मिलों को तो आमदनी होगी ही सरकार के विदेशी मुद्रा भण्डारण में इजाफा होगा और प्रदूषण भी कम होगा। हरियाणा का रोहतक चीनी मील देश का दूसरा ऐसा चीनी मील है जहां पर रिफाइंड शुगर का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के कई चीनी मिलों में गुढ भी बनाया जा रहा है ताकि इनसे होने वाली आमदनी से मीलों के घाटे को पूरा किया जा सके और किसानों को ओर अधिक सुविधाएं दी जा सके।
मील में गन्ना लाने वाले किसानों को हर सुविधा दी जा रही है। किसानों के लिए अटल कैंटिन स्थापित की गई है जिसमें किसानों-मजदूरों को मात्र दस रुपये में भरपेट भोजन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों से सबसे बड़े हितैषी हैं, जिन्होंने हर कदम किसान हित में उठाया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा किसान समृद्धि योजना किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी योजनाएं हैं, जिनका पूर्ण लाभ किसानों को उठाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तीव्रता से आगे बढ़ रहे हैं। किसान भी खेती के माध्यम से ही आत्मनिर्भर बनेंगे। किसानों को बिना गारंटी ऋण योजना का भी पूर्ण लाभ उठाते हुए खेती की बेहतरी व जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कदम बढ़ाने चाहिए।