लाटरी से चुने गए डीएसजीएमसी सदस्यों के नाम का जल्द होगा एलान, कोर्ट ने दी मंजूरी

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) का चुनाव परिणाम घोषित हुए दो माह होने को है, लेकिन इसके नामित सदस्यों को लेकर विवाद अब तक दूर नहीं हो सका है। हालांकि, लाटरी से चुने गए गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों के नाम की घोषणा जल्द होने की उम्मीद जगी है। अदालत ने इसके लिए गुरुद्वारा चुनाव निदेशक को अनुमति दे दी है। दूसरी ओर निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की सदस्यता को लेकर हाई कोर्ट में फैसला नहीं होने से डीएसजीएमसी कार्यकारिणी के गठन का रास्ता साफ नहीं हुआ है।

डीएसजीएमसी के 46 सदस्यों के लिए 22 अगस्त को मतदान हुआ था और 25 अगस्त को परिणाम घोषित किए गए थे। कमेटी के शेष नौ नामित सदस्यों के चयन के लिए गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने नौ सितंबर को नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई थी। उस दिन सिर्फ दो नामित सदस्यों के चुनाव के लिए नवनिर्वाचित सदस्यों का मतदान हुआ था।

24 सितंबर को दोबारा बैठक बुलाई गई और श्री अकाल तख्त साहिब, तख्त श्री पटना साहिब, तख्त श्री केशगढ़ साहिब व तख्त श्री हुजूर साहिब के जत्थेदारों को डीएसजीएमसी का नामित सदस्य घोषित किया गया। लाटरी के जरिये दो सदस्य गुरुद्वारा सिंह सभाओं के अध्यक्षों में से चुने जाते हैं। लाटरी से निकाले गए पहले दो नामों पर निर्वाचित सदस्यों की आपत्ति होने के बाद तीन और नाम निकाले गए थे। बावजूद इसके सदस्यों की आपत्ति दूर नहीं हुई थी। उनका कहना था पांच में से चार अध्यक्षों की मृत्यु हो चुकी है।

गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय द्वारा नाम घोषित करने के पहले ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने दावा किया था कि लाटरी से निकाले गए नामों पर विवाद खत्म हो गया है। मलकीत सिंह व कश्मीर सिंह सदस्य नामित किए गए हैं और दोनों शिअद बादल में शामिल हो गए हैं। दोनों ने खुद को सदस्य घोषित करने के लिए अदालत से गुरुद्वारा निदेशक को आदेश देने की मांग की थी।

अदालत से अनुमति मिलने के बाद गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय अगले कुछ दिनों में नाम घोषित कर सकता है। वहीं, सिरसा की सदस्यता को लेकर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। फैसला होने के बाद ही डीएसजीएमसी की कार्यकारिणी का गठन होगा।