गुरुग्राम, नगर संवाददाता: अनीमिया मुक्त भारत की परिकल्पना को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार भी सजग है। इसके लिए पहले से कई तहर की योजनाएं भी सरकारी स्तर पर चलाई जा रही हैं। अब प्रदेश सरकार खून की कमी से ग्रस्त बच्चों और महिलाओं की पहचान करने के लिए एक सर्वे कराएगा। यह सर्वे नवंबर के अंत तक होने की उम्मीद है। सर्वे के तहत ऐसे बच्चों, महिलाओं और गर्भवतियों की पहचान की जाएगी, जिनमें खून की खमी है। रोगियों को अनीमिया मुक्त करने के लिए सरकार उन्हें योजनाओं का लाभ देगी और अनीमिया को खत्म करने के लिए सर्वे के आधार पर आगे की रणनीति की रूप रेखा भी तैयार करेगी।
सरकार की ओर से इस सर्वे की रूप रेखा तैयार की गई है। सरकार ने विभिन्न आयु वर्गों के बीच यह सर्वे कराने की योजना तैयार की है। इसके तहत छह महीने से पांच साल तक के, छह से नौ साल तक के और दस से 19 साल की आयु तक के बच्चों के नमूने लिए जाएंगे। वहीं अक्सर गर्भवती महिलाओं में अनीमिया की शिकायत रहती है। इससे प्रसव के दौरान और उसके बाद भी उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए सर्वे के तहत 20 से 24 वर्ष आयु की बीच की गर्भवती महिलाओं के भी नमूने लिए जाएंगे। छह माह से नौ साल तक की आयु के बच्चों के दस-दस नमूने लिए जाएंगे। वहीं दस से 19 साल तक की आयु वाले बच्चों के 14 नमूने लिए जाएंगे। गर्भवती महिलाओं की श्रेणी में आठ नमूने टीमें एकत्रित करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारयों के अनुसार सर्वे की तारीख सरकार की ओर से अभी तक घोषित नहीं की गई है। संभवतः नवंबर के अंतिम सप्ताह में सर्वे होने की उम्मीद है। यह सर्वे प्रदेश के सभी 22 जिलों में होगा। इसके लिए पहले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सर्वे के लिए इलाके भी निर्धारित की जाएंगे। उसके बाद प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को उन इलाकों में भेजकर इस सर्वे को सिरे चढ़ाने का काम किया जाएगा।
सर्वे के दौरान स्वास्थ्यकर्मी केवल नमूने लेने का ही काम नहीं करेंगे, बल्कि इस दौरान वह जिस भी इलाके में जाएंगे, वहां के लोगों को पौष्टिक खान पान के बारे में भी जागरू करेंगे। रक्त की कमी को पूरा करने के लिए किन चीजों का सेवन करें इस बारे में लोगों को बताया जाएगा। सर्वे में खून की कमी से ग्रस्त पाए जाने वालों को विभाग की ओर से डाइट प्लान भी तैयार करके दिया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि अनीमिक मरीजों की पहचान करने के लिए प्रदेश सरकार सर्वे करवाएगी। नवंबर अंत में सर्वे होने की उम्मीद है। बच्चों और महिलाओं के नमूने लेकर इस दौरान उनमें रक्त की मात्रा का पता लगाया जाएगा। सर्वे को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होने अभी बाकी हैं।