नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार से उस आदेश को चुनौती देने वाली दो डॉक्टरों की याचिका पर जवाब मांगा जिसमें 15 अक्टूबर तक टीके की खुराक नहीं ले पाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चा कर्मियों और शिक्षकों को कार्यालय आने से रोका गया है।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों ने दावा कि यह आदेश उनके आजीविका कमाने और कार्यालय आने जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने इस याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। हालांकि, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता डॉक्टर हैं और अगर वे ऐसी बात करेंगे तो आधी आबादी आएगी और कहेगी कि वे टीका लगवाने के इच्छुक नहीं हैं। अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा, ‘‘ हम एक बड़ी आबादी वाला देश हैं। आपके मुवक्किल डॉक्टर हैं और उन्हें इसे कहीं बेहतर तरीके से इसे समझना चाहिए।’’ अदालत ने मामले की सुनवायी अगले साल तीन फरवरी के लिए सूचीबद्ध की।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कोविड-रोधी टीकाकरण संबंधी आदेश पर जवाब मांगा
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