विधि-विधान से दुर्गा-पूजा उत्सव शुरू, नियमों के साथ दर्शन की इजाजत

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता : राजधानी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर सोमवार शाम से दुर्गा-पूजा उत्सव शुरू हो गया। पंडालों में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना शुरू की गई। मंगलवार से कोविड-19 नियमों का ध्यान रखते हुए श्रद्धालु पंडालों में मां के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि ज्यादातर पंडालों में दर्शन के लिए नियम बनाए गए हैं। किसी पंडाल में प्रवेश के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र जरूरी होगा तो कहीं सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।
मंदिर मार्ग स्थित कालीबाड़ी में दुर्गा-पूजा के आयोजन से जुड़े स्वप्न गांगुली ने बताया कि पंडाल में सुबह सात बजे से लेकर रात 10 बजे तक श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन के दौरान कोविड-19 दिशा-निर्देश को पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 1931 से यहां जिस प्रकार से पूजा का आयोजन किया जा रहा है, उसी तरह से पारंपरिक पूजा होगी।
दिल्ली में वर्ष 1910 से दुर्गा-पूजा का आयोजन करने वाली दिल्ली दुर्गा पूजा चौरिटेबल एंड कल्चरल कमेटी के वरिष्ठ आयोजक अरुण घोषाल ने बताया कि इस बार छोटा पंडाल लगाया गया है। सोमवार से दुर्गा-पूजा शुरू हो गई है। पंडाल में केवल समिति सदस्यों को दर्शन की अनुमति है, लेकिन उनकी संख्या भी सीमित रखी जाएगी।
मिंटो रोड दुर्गा-पूजा समिति के कोषाध्यक्ष तपन भट्टाचार्य ने बताया कि मां दुर्गा की मूर्ति को बेदी पर स्थापित कर दिया गया है। सोमवार को मां का आह्वान किया गया। मंगलवार से श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकेंगे। हालांकि इसके लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र जरूरी है। लोहे की ग्रिल के बाहर खड़े होकर श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत होगी। पुष्पांजलि और प्रसाद चढ़ाने पर रोक रहेगी। श्रद्धालु ऑनलाइन भी दर्शन कर सकते हैं।
बीडनपुरा दुर्गा-पूजा समिति के चेयरमैन विभाष चंद्र मैती ने कहा कि दुर्गा-पूजा उत्सव का शुभारंभ हो गया है। दशहरा तक पूरे विधि-विधान के साथ मां की पूजा अर्चना होगी। श्रद्धालुओं को केवल बाहर से दर्शन की इजाजत है।
करोलबाग स्थित धर्मगुरु ज्ञान स्वरूप पार्क में दुर्गा-पूजा का आयोजन करने वाली सुबर्णो दुर्गा-पूजा समिति के उपाध्यक्ष विकास उज्जैनवाल ने बताया कि सोमवार शाम से दुर्गा-पूजा को लेकर अनुष्ठान शुरू हो गया है। सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते श्रद्धालु पंडाल में दर्शन के लिए आ सकेंगे।
राजधानी के मंदिरों में सोमवार को मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा हुई। झंडेवालान देवी मंदिर के सचिव कुलभूषण आहुजा और प्रचार विभाग प्रमुख नंद किशोर सेठी के अनुसार मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी देवी का श्रृंगार और पूजा-अर्चना की गई। इनका वाहन सिंह है स महर्षि कात्या ने भगवती जगदंबा की उपासना करते हुए वर्षों तक कठोर तपस्या की थी स उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप के जन्म ले। उनकी प्रार्थना स्वीकार हुई और मां कात्यानी स्वरूप मे उनके घर उत्पन्न हुईं।