शीर्ष विदेशी खिलाड़ियों के बिना राजस्थान रॉयल्स के लिए सुस्त रहा सीजन

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दुबई, नगर संवाददाता : राजस्थान रॉयल्स का एक और सुस्त सीजन था, जहां वह 14 मैचों में पांच जीत के साथ सातवें स्थान पर रहे, पिछले सीजन में आखीरी स्थान से मामूली वृद्धि। रॉयल्स ने पहले चरण में सात मैचों में से सिर्फ तीन में जीत हासिल की और यूएई में भी उनकी यही स्थिति बनी रही, अपने सात मैचों में से सिर्फ दो में उन्होंने जीत हासिल की। दूसरे चरण में कुछ भी उनके अनुकूल नहीं रहा। वे अपने कुछ बड़े नामों के बिना थे। मध्य क्रम में जान नहीं थी और गेंदबाजी में उनके पास ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं थे। सीजन के पहले भाग में रॉयल्स को सब कुछ ठीक नहीं मिला, लेकिन जॉस बटलर, क्रिस मॉरिस और कप्तान संजू सैमसन ने अपने दो सबसे बड़े नामों बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर के अनुपलब्ध होने के बावजूद टीम को अंक तालिका में मध्य में रखा। बटलर दूसरे भाग में खेले नहीं, लेकिन उन्हें एविन लुईस में एक सक्षम विकल्प मिला, जिन्होंने यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर टीम को तेज शुरुआत दिलाई। सैमसन, जिन्होंने अपने नौ साल के आईपीएल करियर में 14 मैचों में 484 रन बनाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, वह भी शीर्ष क्रम में एक ताकत थे। लेकिन मध्य क्रम उनकी कमजोर कड़ी बना रहा और लियाम लिविंगस्टन और ग्लेन फिलिप्स ज्यादा मदद नहीं कर सके। मॉरिस भी अपने दाम के अनुरुप काम नहीं कर सके। वह गेंद और बल्ले दोनों से ठीक-ठाक दिखे। मॉरिस न केवल यूएई में पहले तीन मैचों में बिना विकेट लिए रह गए, बल्कि महंगे भी थे, उन्होंने पंजाब किंग्स और रॉयल चौलेंजर्स के खलिफ क्रमशः 47 और 50 रन लुटाए, और परिणाम स्वरूप उन्हें टीम से हटाया गया। कार्तिक त्यागी, चेतन साकरिया और मुस्ताफिजुर रहमान के कुछ अच्छे व्यक्तिगत प्रदर्शन थे, टूर्नामेंट के आखीरी लीग मैचों में लगातार फेरबदल भी उनके लिए काम नहीं आया। इससे और खराब क्या हो सकता है कि वह अपने अंतिम दो लीग मुकाबलों में नौ विकेट पर 90 और 85 रन पर ढेर हो गए। दो अलग चरणों में रॉयल्स अपने तीन सबसे बड़े विदेशी सितारों के बिना थे। आर्चर को शुरुआत में कोहनी की चोट के कारण बाहर होना पड़ा, स्टोक्स ने मानसिक-स्वास्थ्य कारणों से खेल से ब्रेक लिया और बटलर अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण यूएई लेग से बाहर रहे। इसकी भरपाई करना रॉयल्स के लिए मुश्किल था।