नई दिल्ली, नगर संवाददाता: अयोध्या में राम मंदिर जमीन मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्ट की जमीन में भ्रष्टाचार आरोप लगाया था। जिसके बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया। वहीं अब सांसद संजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे मिलने के लिए मोहलत मांगी है। शनिवार को लिखे गए इस पत्र में अयोध्या में जारी राम मंदिर निर्माण में व्यापक स्तर पर घोटाले की बात कही गई है।
आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि वे मोहन भागवत से मिलकर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट बोर्ड द्वारा भूमि खरीद के मामले में हो रही अनियमितता के बारे में बताना चाहते हैं। उनके पास इस घोटाले से संबंधित अहम डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, वे उन्हें मोहन भागवत को देकर इस मामले पर उन्हें सच्चाई बताना चाहते हैं। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने आपको सबसे बड़ा हिंदूवादी संगठन कहता है।
संजय सिंह ने आगे कहा कि आरएसएस के नेता स्वयं को हिंदूवादी होने का दावा करते हैं। यदि वे सच्चे हिंदूवादी हैं, तो उन्हें देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इस घोटाले की ओर ध्यान देना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि यह घोटाला किसके इशारे पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सच सामने आना चाहिए कि घोटाले की रकम किन लोगों तक पहुंच रहा है।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज पीएम मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट के साथ एक बैठक की, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अनेक सबूत सामने आने के बाद भी क्या राम ट्रस्ट से आपने सवाल किया? कितने बीजेपी वाले और ट्रस्ट वाले इस मामले में शामिल हैं? उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण रुक गया है, क्योंकि बीजेपी वाले चंदा चोरी में जुटे रहे। करोड़ों लोगों की आस्था के साथ बीजेपी ने खिलवाड़ किया है।
संजय सिंह ने सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को आज जवाब देना चाहिए कि घोटाला क्यों हुआ? राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हुआ? उन्होंने आगे कहा कि डेढ़ साल से बीजेपी के लोग चंदा चोरी में जुटे हुए हैं। 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ की हो गयी। इस पार्टी ने जमीन खरीद मामले में भ्रष्टाचार किया है।
उन्होंने कहा कि एक कागज दिखाना चाहता हूं, मेयर के रिश्तेदार रवि मोहन तिवारी ने 19 अप्रैल को 10 करोड़ की जमीन खरीदी है, ये जमीन लागत से कम मूल्य में खरीदी गयी। इसमें पार्टनर है सुल्तान अंसारी, कुसुम पाठक, हरीश पाठक। इसके अलावा विष्णु कुमार जो बीजेपी मेयर का अकाउंट देखते हैं। वो 255 वर्ग जमीन 15 मार्च को 10 लाख में खरीदते हैं और यही जमीन राम ट्रस्ट को 18 मार्च को 60 लाख रुपए में बेच दी जाती है। क्या देश की जांच एजेंसियां मर चुकी हैं? क्या देश के प्रधानमंत्री की संवेदना खत्म हो चुकी है? संजय सिंह ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। ताकि राम मंदिर जमीन मामले में साक्ष्य पेश कर सकूं।
अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मीटिंग की। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस मीटिंग में पीएम के सामने अयोध्या के विकास कार्यों का विजन डॉक्यूमेंट रखा गया। इस दौरान विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अयोध्या को इस तरह से विकसित किया जाए कि हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या आने की इच्छा महसूस हो।
जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के विकास का जो खाका तैयार किया गया है, वो अगले 100 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 30 साल का प्लान ही देखा। अयोध्या के लिए डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। इन्हीं प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी ने अफसरों से चर्चा की। बताया जा रहा है कि पीएम ने इन प्रोजेक्ट के डिजिटल मॉडल को भी देखा।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत को आप सांसद संजय सिंह ने लिखा पत्र
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