सोनीपत, नगर संवाददाता: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज प्रदेश की अनाज मंडियों का दौरा करते हुए गन्नौर की अनाज मंडी में किसान, मजदूरों और आढ़तियों से बातचीत कर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। हुड्डा ने कहा कि उन्हें लगातार प्रदेशभर से किसानों की शिकायतें मिल रही थीं। क्योंकि 1 अप्रैल से खरीद का ऐलान करने के बावजूद सरकार ने मंडियों में उचित व्यवस्था नहीं की। कई जगहों पर फसल लेकर मंडी में पहुंच रहे किसानों को नमी, रजिस्ट्रेशन और सर्वर डाउन का बहाना बनाकर परेशान किया जा रहा है। खरीद शुरू होने के 8 दिन बाद भी ना तो गेहूं की उचित खरीद हो रही है, ना ही उठान की कोई व्यवस्था है और ना ही किसानों की पेमेंट हुई है। जबकि सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा था कि 72 घंटे के अंदर किसान को भुगतान कर दिया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि सरकार को ना सिर्फ खरीद, उठान और भुगतान में तेजी लानी चाहिए, बल्कि अपने वादे के मुताबिक भुगतान में देरी पर किसानों को ब्याज भी देना चाहिए।
उन्होंने गेहूं में नमी की मानक सीमा को 14 से घटाकर 12ः करने और प्रति क्विंटल मानक मिश्रण की मात्रा 0.75 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत करने का विरोध करते हुए कहा कि इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए सरकार को तुरंत इस फैसले को वापिस लेना चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार का रवैया हमेशा से किसान विरोधी रहा है। इसीलिए जगह-जगह उसके नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 3 कृषि कानूनों के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे किसानों को आज अपनी फसल बेचने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा एकबार फिर पानीपत टोल पर धरनारत किसानों के बीच पहुंच किसानों के हौसले और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने दोहराया कि किसान इस आंदोलन का नेता है और वो उसके संघर्ष में हमेशा साथ खड़े रहेंगे। हुड्डा ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की आय डबल करने का झूठा नारा देकर सरकार लगातार उसकी लागत बढ़ाने में लगी है। इसी के तरह सरकार ने डीएपी खाद का रेट 700 रुपये बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले से पेट्रोल-डीजल के रेट में बेतहाशा बढ़ोत्तरी झेल रहे किसान की लागत कई हजार रुपये बढ़ना तय है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी सरकार ने डीएपी के दाम में इतनी बड़ी बढ़ोत्तरी की है। सरकार को इसे फौरन वापिस लेना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार किसान से खाद, बीज, बिजली, दवाई, पेट्रोल-डीजल और कृषि यंत्रों पर जीएसटी के नाम पर मोटी वसूली कर रही है। लेकिन किसान को उचित एमएसपी और एमएसपी का कानून देने के नाम पर सरकार चुप्पी साध लेती है।
इससे पहले हुड्डा ने पानीपत व करनाल के साथ कुरुक्षेत्र की लाडवा, बबैन और थानेसर की मंडियों का भी दौरा किया। इस मौके पर आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी उनसे मुलाकात की। आढ़तियों ने बताया कि सरकार ने उन्हें पेमेंट के फैसले को किसानों पर छोड़ने का आश्वासन दिया था। सरकार ने कहा था कि ये किसान की मर्जी होगी कि वो आढ़ती के जरिए पेमेंटे लेना चाहता है या सीधे अपने खाते में लेना चाहता है। लेकिन अब सरकार अपने फैसले से मुकर रही है। आढ़तियों की मांग है कि सरकार अपने आश्वासन पर कायम रहे और पेमेंट को लेकर मनमानी ना करे। इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सुरेंद्र दहिया, मनोज रिढाऊ, बिन्नी भारद्वाज, राकेश नरवाल, कमल हसीजा, रवि हसीजा, कमलेश पांचाल समेत कई नेता मौजूद थे।