हाथरस, नगर संवाददाता: पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा द्वारा आज मौहल्ला काहरान का नाम प्रसिद्ध धर्नुधारी वीर एकलव्य के नाम पर ‘‘वीर एकलव्य मार्ग’’ का नामकरण किया गया है। इस अवसर पर पालिका अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि एकलव्य महाभारत का एक पात्र है। वह राजा हिरण्य धनु नामक निषाद के पुत्र थे। एकलव्य को अप्रतिम लगन के साथ स्वयं सीखी गई धनुर्विद्या और गुरुभक्ति के लिए जाने जाते हैं। पिता की मृत्यु के बाद वह श्रृंगबेर राज्य के शासक बने। अमात्य परिषद की मंत्रणा से उन्होंने न केवल अपने राज्य का संचालन किया, बल्कि निषादों की एक सशक्त सेना गठित कर के अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया। महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार एकलव्य धनुर्विद्या सीखने के उद्देश्य से द्रोणाचार्य के आश्रम में आये किन्तु निषाद पुत्र होने के कारण द्रोणाचार्य ने उन्हें अपना शिष्य बनाना स्वीकार नहीं किया। निराश होकर एकलव्य वन में चले गये। उन्होंने द्रोणाचार्य की एक मूर्ति बनाई और उस मूर्ति को गुरु मान कर धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगे। एकाग्रचित्त से साधना करते हुये अल्पकाल में ही वह धनुर्विद्या में अत्यन्त निपुण हो गये, बाद में एकलव्य ने गुरुदक्षिणा के रूप में अपना अँगूठा काटकर द्रोणाचार्य को दे दिया था। इस अवसर पर वहॉ के निवासियों द्वारा कहा गया कि पालिका अध्यक्ष द्वारा समाज के विशिष्ट महापुरूषों के नाम पर मार्गों का नामकरण कर एक मिसाल पेश की जा रही हैं, यह कार्य पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं नहीं हो रहा है। पालिका परिषद के अध्यक्ष के इन प्रयासों की खुले दिल से जितनी प्रसंसा की जाये उतनी कम हैं। इस अवसर पर पालिका अध्यक्ष के साथ कश्यप समाज की ओर से डा. लक्ष्मीनारायण तुरैहा, नत्थू सिंह कश्यप, चन्द्रपाल कश्यप, राजपाल सिंह, रमेशचंद्र, बिट्टू कुमार, अनिल कश्यप, धमेन्द्र कश्यप, प्रेमचंद्र, रामकिशन वर्मा, दिनेश हलवाई, देवकीनन्दन, आदि लोग उपस्थित थे।
पालिकाध्यक्ष ने किया वीर एकलव्य मार्ग का लोकार्पण
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