अपराधों पर अंकुश के लिए पैनी नजर रखे प्रशासन

News Publisher  

सहारनपुर, नगर संवाददाता: बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से यहां बसने का प्रकरण काफी समय से चल रहा है। एटीएस ने हाल ही में घनी मुस्लिम आबादी में छापामारी कर पिता-पुत्र बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, लेकिन गौरतलब यह है कि स्थानीय पुलिस एवं अभिसूचना इकाई के अधिकारी क्योंकर अवैध रूप से यहां बसने वाले बांग्लादेशियों को तलाश करने में विफल रहती है तथा किस आधार पर उक्त बांग्लादेशी नागरिक यहां अपने आधार, राशन एवं वोट कार्ड बनवाने में सफल होत हैं। उक्त सभी सरकारी दस्तावेजों को बनवाने में कही न कहीं स्थानीय सफेदपोशों तथा पुलिस व प्रशासनिक कर्मचारियों की भी भूमिका रहती है। लखनऊ की एटीएम टीम ने नदीम कालोनी से उस्मान व उसके पिता तनवीर को गिरफ्तार किया तथा पूछताछ के लिए इन्हें अपने साथ लखनऊ ले गई। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जिले कई अन्य हिस्सों में भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पकड़ में आ सकते हैं। महानगर के चारों ओर अवैध रूप से विकसित हो रही आवासीय कालोनियों में जहां अन्य जनपदें तथा राज्यों से आए परिवार तेजी से बस रहे हैं, वहीं इनके बीच बांग्लादेशी नागरिक भी बस जाते हैं। पिछले दस वर्षो में देहरादून रोड स्थित गांव सडक दूधली, मण्डी समिति रोड के समीप नदीम कालोनी, हबीब गढ, रामगढ़ तथा जनता रोड स्थित गांव चक हरेटी में तेजी से एक विशेष वर्ग की आबादी में बढोत्तरी हुई है। सूत्रों का कहना है कि ऐसी नवविकसित कालोनियों में अन्य जनपदों में सक्रिय रहे असामाजिक तत्व भी बसे हुए हैं। इसका खुलासा कई शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी से भी हो चुका है। इतना ही नहीं कोतवाली मण्डल के उक्त क्षेत्र में ही सालों पहले विदेशी नागरिकों को भी बन्धक बनाकर रखा गया था, जिन्हें मुक्त कराने में पुलिस के दो कर्मचारी भी शहीर हुए थे, एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों के बाद से पुलिस एवं अभिसूचना इकाई के अधिकारियों, के लिए आवश्यक हो जाता है कि नव विकसित कालोनियों में बाहरी जनपदों तथा राज्यों से आकर बसने वाले लोगों के चरित्र का सत्यापन उनके मूल जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से कराये ताकि असामाजिक तत्वों पर लगाम कसी जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *