निगम स्थाई समिति की बैठक में अधिकारियों पर बरसे पक्ष विपक्ष

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने एक स्वर में निगम में अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भ्रष्ट अधिकारी ईमानदार अधिकारियों को काम नहीं करने दे रहे हैं इसलिए ईमानदार अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए समिति के सदस्यों ने एक स्वर में अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा व वेटनरी विभाग के चेतराम मीणा को बर्खास्त करने की मांग की निगमायुक्त विकास आनंद ने कहा यह मामला उनकी जानकारी में है वह इसे देखकर जो उचित कार्यवाही होगी वह करेंगे।

स्थाई समिति की बैठक शुरू होते ही नेता सदन प्रवेश शर्मा ने कहा निगम में भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी मनमानी चला रखी है वे खुद तो काम करते नहीं यदि कोई अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहा है तो उसे करने नहीं दिया जाता है ऊपर के अधिकारियों द्वारा उसे प्रताड़ित ही नहीं किया जाता अपितु अपने अधिकार क्षेत्र का भी उल्लंघन कर रहे हैं शर्मा ने कहा कि ऐसा ही कारनामा शाहदरा उत्तरी जोन की ईमानदार डी एच ओ माधुरी पन्त के साथ किया गया है उनको बिना कसूर के अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा ने जानबूझकर उन पर विभागीय कार्यवाही के नाम पर आरडीए लगवा दी है इस मामले में उनसे कुछ पूछा भी नहीं गया वहीं यह अधिकार अलका शर्मा का है भी नहीं। यह अधिकार एडीसी बन का बनता है।

पूर्व महापौर विपिन बिहारी सिंह ने शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि निगम के पास वैसे ही कम ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें भी हटाने की मुहिम चल रही है इससे पहले ईमानदार शिक्षा निदेशक कर्नल अशोक कुमार को भी इसी तरह हटाया गया सिंह ने कहा कि माधुरी पन्त के मामले में ना तो उनका पक्ष लिया गया ना ही उपायुक्त की टिप्पणी लिए उन पर कार्यवाही कर दी ।जो बताता है कि अधिकारी कितने बेखौफ हैं विपक्ष की नेता आम आदमी पार्टी की गीता रावत ने कहा कि वेटरनरी विभाग के चेतराम मीणा को पक्ष विपक्ष की सहमति के बाद निलंबित किया गया था उन्हें फिर बहाल करना बताता है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों को कुछ समझते ही नहीं है जबकि निगम की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन कंचन माहेश्वरी ने खुद चेतराम मीणा को हटाए जाने की मांग की थी लेकिन अधिकारियों पर लगता है उसका भी कोई असर नहीं हुआ उन्होंने कहा चेतराम मीणा को 56 जे के तहत बर्खास्त किया जाना चाहिए।

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